Friday 1 July 2016

अपने चहेते को सूचना आयुक्त बनाने पर अमादा?

पटना। चोली के पीछे क्या है,चोली के पीछे.......? इस फिल्मी गीत की ही तरह सत्ता पर काबिज लोग अपने चहेते को सूचना आयुक्त बनाने पर अमादा हैं। ऐसे लोग माननीय पटना उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीशों से निवेदन कर रहे हैं कि निश्चित तयशुदा 3 माह में वृद्धि कर देंगे। इस बाबत अपील को माननीय न्यायाधीश ने अमान्य कर दिया है। 3 माह के बाद भी बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग सूचना आयुक्त नियुक्त करने में अक्षम साबित है। इसके द्वारा योग्य व्यक्तियों से सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति हेतु इच्छुक व्यक्तियों से 25 मई तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया था। अभी तक नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकी है।

मालूम रहे कि नागरिक अधिकार मंच के द्वारा बिहार में सूचना आयुक्त के पदों पर पैनल बनाकर योग्यतम व्यक्तियों की नियुक्ति हेतु अपने विद्वान अधिवक्ता दीनू कुमार के माध्यम से दायर जनहित याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के आलोक में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा योग्य व्यक्तियों से सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति हेतु इच्छुक व्यक्तियों से 25 मई तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया था। कल 27 जून को सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के वकील के द्वारा यह सूचना दी गई थी कि कुल 150 इच्छुक लोगों ने ऑनलाइन आवेदन समर्पित किया है। पूर्व में माननीय न्यायालय के द्वारा तीन माह के अंदर पूरी नियुक्ति-प्रक्रिया समाप्त करने का निर्देश दिया गया था तथा विगत कल की तिथि तीन माह की समाप्ति के उपरांत की तिथि थी। सरकारी वकील के द्वारा पुनः दो माह का समय माँगा जा रहा था। माननीय न्यायालय के द्वारा मात्र दो दिन का समय दिया गया है। अर्थात् कल दिनांक 29 जून को इस मामले की पुनः सुनवाई है। विधिक तरीके से ईनाम के रूप में उपकृत करने के लिए सत्ताधीशों द्वारा अपने लोगों को बाँटी जानेवाली इस तरह के सभी पदों पर योग्यतम लोगों को नियुक्त करवाना ही एकमात्र उद्देश्य है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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