Thursday 2 March 2017

01 जनवरी,2017 से राज्यकर्मियों को सप्तम वेतनमान दे दिया जाएगा

पटना। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट) के महासचिव नागेन्द्र सिंह का कहना है कि केन्द्र सरकार ने सप्तम वेतन आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में 01.01.2016 से केन्द्रीय कर्मियों को केन्द्रीय वेतनमान एवं अन्य सुविधाएं लागू कर दी है। परन्तु बिहार सरकार ने इसे अभी तक लागू नहीं किया है। बिहार सरकार ने राज्य वेतन आयोग गठित कर दी है जबकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। बावजूद इसका गठन कर दिया गया है।

इस संदर्भ में सीएम नीतीश कुमार का कहना है कि छठा वेतनमान लागू करते वक्त भी फिटमेंट कमिटी गठित की गयी थी। इस बार भी गठित है। हम सप्तम वेतनमान लागू करने को कृतसंकल्प है। आयोग की अनुशंसा आते ही 01 जनवरी,2017 से राज्यकर्मियों को सप्तम वेतनमान दे दिया जाएगा। इस ओर कोई संदेह करने की आवश्यकता नहीं है।

सत्य यह है कि राज्यकर्मियों को अनियमित वेतन भुगतान किया जा रहा है। इस बात की पुष्टि खुद सिविल सर्जन डाक्टर गिरिन्द्र शंकर सिंह करते हैं। सिविल सर्जन का कहना है कि पटना जिले 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 4 अनुमंडल अस्पताल और 3 रेफर केन्द्र में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन मद में 3 करोड़ की मांग की गयी इसके एवज में 60 लाख रूपए प्राप्त हुआ। इसके कारण स्वास्थ्यकर्मियों को अनियमित वेतन मिल रहा है। एक सवाल के जवाब में कहते हैं कि आप बिहार में रहते हैं यह बताया नहीं जा सकता कि कितने हफ्ता में वेतन भुगतान होगा। पुनः आवंटन को लेकर पत्राचार किया गया है। मार्च के मध्य तक जरूर भी भुगतान कर दिया जाएगा। अक्टूबर माह से भुगतान नहीं हो रहा है।

अब तो राज्य केन्द्र की योजनाओं से कार्य निष्पादन करायेगा। केन्द्र सरकार की राशि आवंटित करने के बाद भी राज्यकर्मियों को वेतन मिलने में दिक्कत है। सरकारी महकम्मे में बात की जाती है कि केन्द्र सरकार द्वारा राशि भुगतान नहीं करने से मुश्किल हो रही है। अब केन्द्र और राज्य सरकार के बीच में राज्यकर्मी गेंद की तरह हो जाएगा। केन्द्र किक मारेगा राज्य पर और राज्य किक मारेगा केन्द्र में। गेंद रूपी वेतन पाने को तरपते रह जाएंगे राज्यकर्मी। छठा वेतनमान देने में यह हाल है तो सप्तम वेतनमान में क्या होगा? यह तो अल्लाह ही जाने!

आलोक कुमार




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