पटना। यह है बिहार
मानवाधिकार आयोग। इस आयोग पर
कार्यवाही करने की अवधि निर्धारित
नहीं। इसके कारण 191 दिनों के बाद भी
आवेदन पर कार्रवाही नहीं
की जाती है। इस तरह आवेदकों
के महत्वपूर्ण 6 माह से अधिक दिन
गुजार दिया जा रहा है।
दिव्यांग विक्टर केरोबिन ने बिहार मानवाधिकार
आयोग में न्याय की तलाश में
20 दिसम्बर, 2016 को आवेदन दिया।
बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा 1 मार्च, 2017 को 101 दिनों के बाद एसएमएस
भेजा गया। यह बताया गया
कि आपका आवेदन संख्या-30253 है। केस नम्बर-300/2017 आवंटित है। माननीय चेयरपर्सन जस्टिस बिलाल नजकी के बेंच में
है। द्वितीय एसएमएस 16 मार्च,2017 को आया और
कहा गया कि केस नम्बर
-300/2017 को बिहार मानवाधिकार आयोग में 12 जून,2017 को उपस्थित होना
है। उस दिन आवेदन
को नहीं ले जाना जरूरी
नहीं है। इस तरह कुल
191 दिनों के बाद भी
आवेदन पर कार्रवाई नहीं
शुरू की जाएगी।
दीघा थानान्तर्गत मखदुमपुर बगीचा में रहते हैं दिव्यांग विक्टर केरोबिन। पहले यह क्षेत्र दीघा
ग्राम पंचायत में था। अब पटना नगर
निगम के नूतन राजधानी
अंचल में है। वार्ड नम्बर- 22 ए है।दिव्यांग विक्टर
केरोबिन ने आपबीती बयान
किया और 20 दिसम्बर,2016 को बिहार मानवाधिकार
आयोग से कहा गया
कि ‘दिव्यांग को सामाजिक सुरक्षा
पेंशन में विलम्ब होने पर प्र्र्रस्ताव पारित
करें। बिहार मानवाधिकार आयोग से 80 दिनों के बाद मोबाइल
पर 1 मार्च को मैसेज आया।
आवेदक प्राप्तांक 30253/2016 है। केस नम्बर- सीओएमपी/300/2017 है। माननीय चेयरपर्सन जस्टिस बिलाल नजकी के बेंच में
है।
आवेदन के विषय के
आलोक में कहना है कि मैं
विक्टर केरोबिन हूं। स्व0 केरोबिन सोलोमन के पुत्र हूं।
इस समय गांव मखदुमपुर बगीचा,शिवाजी नगर,(रामस्वरूप ठेकेदार के मकान के
सामने ), पो0दीघा घाट,
थाना दीघा, पंचायत पश्चिमी दीघा, प्रखंड पटना सदर,जिला पटना और बिहार का
निवासी हूं। मेरा आधार संख्या 3801 2000 6204 है। निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देकर
दिव्यांग को सामाजिक सुरक्षा
पेंशन में विलम्ब होने पर प्रस्ताव पारित
करने का कष्ट करेंगे।
01.04.1986 सामाजिक
सुरक्षा पेंशन की स्वीकृति। लेखा
संख्या 1102/1986-87 है। 16 साल मिलने के बाद 2002 में
बंद कर दिया गया।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की पुस्तिका खो
जाने से बंद कर
दिया गया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन की पुस्तिका की
छाया प्रति उपलब्ध है। 18 मार्च 2010 में जिलाधिकारी पटना को सामाजिक सुरक्षा
पेंशन चालू करने का आग्रह स्वरूप
आवेदन दिया गया। जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय से
राज्यकर्मी घर पर आये।
आवेदन और उपलब्ध सामाजिक
सुरक्षा पेंशन की पुस्तिका की
छाया प्रति के आधार पर
पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत अन्तर्गत वार्ड नम्बर 13 की वार्ड सदस्य
गुड़िया देवी को निर्देशित किया
कि पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत की मुखिया ममता
देवी जी के पास
जाकर दिव्यांग को सामाजिक सुरक्षा
पेंशन शुरू करा दें। मगर वार्ड सदस्य गुड़िया देवी ने किसी तरह
का कदम नहीं उठाया।
आलोक कुमार
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