Thursday 9 March 2017

शिक्षिका मेरी आग्नेस लकड़ा का निधन





पटना। हार्टमन बालिका उच्च विघालय से अवकाश ग्रहण करने वाली शिक्षिका मेरी आग्नेस लकड़ा का निधन हो गया। हार्टमन बालिका उच्च विघालय में शानदार 25 साल पूर्ण की थीं। कुर्जी अस्पताल में बीमार पड़ने पर भर्त्ती करायी गयी। दवा और दुआ के बीच 8 मार्च को अंतिम सांस लीं। वे 95 साल की थीं। अपने पीछे 6 पुत्र और 3 पुत्री से भरापूरा परिवार छोड़ गयीं। आज अंतिम संस्कार के पूर्व प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में फादर देवाशीष ने मिस्सा पूजा अर्पित किये। मिस्सा के उपरांत ईसाई धर्मरीति के अनुसार कुर्जी कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया।

दीघा थानान्तर्गत बांसकोठी क्रिश्चियन कॉलोनी में मेरी आग्नेस लकड़ा का घर हैं। दोपहर में पार्थिव शरीर को बॉक्स में रखा गया। इसके बाद पवित्र माता मरियम के ग्रोटो में शव में रखे बॉक्स को लाया गया। यहां पर सामूहिक प्रार्थना की गयी। इसके बाद शव यात्रा निकालकर प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में लाया गया। फादर सुशील साह द्वारा प्रार्थना की गयी। इसके बाद पार्थिव शरीर को चर्च के अंदर लाया गया। यहां पर फादर देवाशीष ने पवित्र मिस्सा अर्पित किया। 

इस बीच हार्टमन बालिका उच्च विघालय से अवकाश ग्रहण करने वाली शिक्षिका मेरी आग्नेस लकड़ा के ज्येष्ठ पुत्र और झारखंड प्रदेश में एडीएम वित्त विभाग से अवकाश ग्रहण करने वाले पोलिकार्प लकड़ा ने लकड़ा टीचर के नाम से विख्यात मां की संक्षिप्त जीवनी पेश किये। बढ़ई टोली, पुरूलिया रोड,दक्षिणी छोटानागपुर ,झारखंड के निवासी अर्जुन अलोबिस लकड़ा एवं क्लारा लकड़ा की ज्येष्ठ पुत्री थीं मेरी आग्नेस लकड़ा। उनका जन्म 22 दिसम्बर,1922 में हुआ। स्कूली शिक्षा उर्सुलाइन कॉन्वेंट, रांची से प्राप्त की। इसके बाद संत जौन एम्बुलेंस एसोसिएशन द्वारा आयोजित होम नर्सिंग, स्वच्छ एवं स्वच्छता तथा प्राथमिक का प्रशिक्षण प्राप्त की। इसके बाद जरहा टोली,जनावल कट्टहाई, गुमला में रहने वाले रेंघा लकड़ा एवं सेमारी के कनिष्ठ पुत्र जौन बर्कमन्स लकड़ा के साथ मेरी आग्नेस लकड़ा की शादी 16 जून,1943 में की गयी। 

आगे कहा कि विवाह के बाद 1948-49 में पटना आ गये। सब्जीबाग,पटना में संचालित 1957 में संत इग्नासियुस मिडिल स्कूल में जुनियर सेक्शन की शिक्षिका के रूप में नियुक्त की गयी। इस स्कूल को हार्टमन बालिका उच्च विघालय में तब्दील कर लिया गया। जहां 25 साल तक शानदार शिक्षण कार्य किये। इस बीच दोनों के सहयोग से 6 पुत्र और 3 पुत्री हुए। पढ़-लिखकर पोलीकार्प लकड़ा,एडीएम,वित्त विभाग,रांची का बना। विलफ्रेड लकड़ा,एसबीआई अधिकारी बनें। वहीं सुशील लकड़ा, सेंट्रल बैंक के वरिष्ठ अधिकारी बने। श्रीमती रोजमेरी हेन्द्री,टीचर, लोयोला उच्च विघालय में कार्यरत हैं।

शिक्षण कार्य के अलावे सामाजिक कार्यों में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेती थीं। कुर्जी पल्ली परिषद की पार्षद थीं। अपने नेतृत्व में नियमित माता मरियम के ग्रोटों के पास प्रार्थना करवाती थीं। इनके हाथों पढ़ने वाले बच्चे शिखर तक पहुंच गये हैं। साथ-साथ कार्य करने वाली स्टेला साह, आग्नेस बेनेदिक्त ओस्ता आदि ने दुःख व्यक्त की हैं। एक जानदार शिक्षक को खो दिये। वहीं महरूम टीचर लकड़ा के नाम से प्रसिद्धी प्राप्त करने वाली मेरी आग्नेस लकड़ा के हाथों पढ़ने वाले क्लारेंस हेन्द्री, जेवियर लुइस आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में पार्थिव शरीर को कुर्जी कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया।

आलोक कुमार

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