Friday, 11 March 2022

आज प्रतीक एडविन शर्मा ने भाजपा के सम्मानित साथियों के साथ जश्न मनाया

             भाजपा के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ संजय जायसवाल और भाजपा के जिला अध्यक्ष दीपेन्द्र सरार्फ जी को मणिपुर के प्रसिद्ध स्टोल और टोपी भेंट कर अभिनंदन किया

बेतिया.पश्चिम चम्पारण के बेतिया क्रिश्चियन काॅलोनी में शिक्षाविद् प्रतीक एडविन शर्मा रहते हैं.यहां पर चाणक्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन और सेंट माइकल्स एकेडमी के संचालक हैं. यहां पर प्रभावशाली व्यक्तियों में गिने जाते हैं.उनके कार्यों से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी के सीधे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यसमिति के सदस्य मनोनीत किया गया.इसके बाद मोर्चा के कार्यसमिति के सदस्य प्रतीक एडविन शर्मा को मणिपुर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश प्रभारी बनाया गया.

मणिपुर में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका अदा करके लौटकर प्रदेश प्रभारी ने बताया कि मणिपुर के प्रदेश प्रभारी बनने के बाद मणिपुर विधानसभा 2022 के चुनावों में जमकर पसीना बहाये.मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के खुंद्रकपम विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी टी. महेंद्र सिंह जी के लिए प्रचार प्रसार करते किये.जहां भी बुलावा आया,वहां जमकर चुनाव प्रचार किये.प्रदेश कार्यालय में भाजपा मणिपुर के माननीय संगठन महामंत्री परम आदरणीय श्री अभय गिरी जी से मिले.उनको यह सुन्दर अवसर मिला एवं मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उनका महत्वपूर्ण मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ.उन्हें श्री राम मंदिर ध्वज भेंट किया गया.जो विशेष रूप से श्री राम जन्मभूमि अयोध्या, उत्तर प्रदेश के पावन धरती से लाया गया था.

उन्होंने बताया कि मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा कायम रहा और यहां एक बार फिर बीजेपी सत्ता पर काबिज होने जा रही है. मणिपुर में बीजेपी पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है. चुनावों में पार्टी 60 विधानसभा सीटों में से 31 सीटों पर जीत हासिल कर इतिहास रचते हुए दिखाई दे रही है. बीजेपी ने मणिपुर की चुनावी कमान वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को सौंपी थी. वहीं प्रदेश के चुनावी प्रबंधन और रणनीति में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का भी अहम रोल रहा है.

इस बार पांच महिलाएं चुनी गई हैं, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है. यहां 52 फीसदी यानी 10,57,336 महिला मतदाताओं ने पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,90,833 को पार कर लिया है. एसएस ओलिश (चंदेल), पूर्व मंत्री नेमचा किपगेन (कांगपोकपी), सगोलशेम केबी देवी (नौरिया पखांगलक्पा), सभी भाजपा, और इरेंगबाम नलिनी देवी (ओइनम सीट) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की पुखरामबम सुमति देवी ने अपनी सीटों पर जीत हासिल की. फायरब्रांड महिला नेता और जद (यू) की उम्मीदवार थौनाओजम बृंदा, जो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) थीं, यास्कुल निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ीं, लेकिन 4,574 वोट (18.93 प्रतिशत) हासिल करके तीसरे स्थान पर रहीं.

चुनाव मैदान में कुल मिलाकर 17 महिला उम्मीदवार या विभिन्न दलों से कुल 265 दावेदारों में से 6.42 प्रतिशत थीं. इनमें कांग्रेस से चार, सत्तारूढ़ भाजपा और एनपीपी के तीन-तीन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, जनता दल-युनाइटेड और एक स्थानीय पार्टी के एक-एक और दो स्वतंत्र उम्मीदवार हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों में 11 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, लेकिन 2012 के चुनावों में तीन से नीचे केवल दो ही जीती थीं. 2017 में, फायरब्रांड अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला चानू ने सभी का ध्यान आकर्षित किया जब उन्होंने पीपुल्स रिसर्जेंस और जस्टिस एलायंस पार्टी की ओर से सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम के खिलाफ अपना 16 साल का उपवास तोड़ते हुए चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं.

1972 में पूर्ण राज्य बनने के बाद मणिपुर में 10 से कम महिला विधायक हैं और 12वीं लोकसभा में सिर्फ एक महिला सांसद किम गंगटे हैं. 1990 में ही राज्य ने उखरूल विधानसभा क्षेत्र से अपनी पहली महिला विधायक, हंगमिला शाजा (मणिपुर के चैथे मुख्यमंत्री यांगमाशो शाइजा की पत्नी) को देखा. विभिन्न संगठनों, शोधकर्ताओं और राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि राजनीतिक दल और नेता हमेशा मणिपुरी समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन वे चुनावों में महिलाओं की एक नगण्य संख्या को नामांकित करते हैं. खासकर संसदीय और विधानसभा चुनावों में.

इंफाल स्थित लेखिका और राजनीतिक टिप्पणीकार इबोयैमा लैथंगबम ने कहा, जब तक महिलाएं नीति बनाने वाले निकायों का हिस्सा नहीं बन जातीं, उनका वास्तविक सशक्तिकरण संभव नहीं है. कम संख्या में महिलाओं को चुनाव लड़ने की अनुमति देकर, राजनीतिक दल महिलाओं को वंचित कर रहे हैं. लैथंगबम ने बताया, मणिपुर की अर्थव्यवस्था में महिलाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. ब्रिटिश काल से, अद्वितीय श्इमा कीथेलश् महिला सशक्तिकरण और स्वतंत्रता का प्रतीक बन गई है. इमा कीथेल न केवल एक साधारण बाजार या व्यापारिक केंद्र है, बल्कि ये असामाजिक गतिविधियों के खिलाफ विभिन्न सामाजिक मुद्दों और संस्थानों पर अभियानों के लिए शीर्ष केंद्र हैं.

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा बेतिया के द्वारा चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत पर आज प्रतीक एडविन शर्मा ने भाजपा के सम्मानित साथियों के साथ जश्न मनाया. भाजपा के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ संजय जायसवाल और भाजपा के जिला अध्यक्ष दीपेन्द्र सरार्फ जी को मणिपुर के प्रसिद्ध स्टोल और टोपी भेंट कर अभिनंदन किया.

आलोक कुमार और स्वीटी माइकल की रिपोर्ट






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