पेश है आलोक कुमार और स्वीटी माइकल की रिपोर्ट..
जिले के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोक गीत, लोक नृत्य, शास्त्रीय गायन- वादन, क्लासिकल फिल्मी गीत, कत्थक नृत्य, सरस्वती वंदना,लघु नाटिका एवं नारी सशक्तिकरण, नारी जागरूकता पर विविध कार्यक्रमों की बड़े ही मनोहारी व रोचक ढंग से प्रस्तुति की गई।लोक गीतों के साथ ही शास्त्रीय संगीत के स्वर लहरियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का आगाज अनुष्का कुमारी द्वारा सरस्वती वंदना के साथ किया गया। उसके बाद जानी-मानी गायिका नंदनी सिन्हा ने लता के गीतों को गाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनकी लयबद्ध स्वरों की ताल ने हर दिल को झंकृत कर दिया। वही नेहा भारती की पूर्वी लोकगीत ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
मुजफ्फरपुर जिले के जाने-माने गायक सदाकत- महफूज की जोड़ी ने मां मेरी चुनरिया
को सूफियाना अंदाज में प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर होने पर विवश कर दिया।
कार्यक्रम में अपर नगर आयुक्त विवेक कुमार ने भी मुकेश के गीत जीना यहां मरना यहां की प्रभावशाली प्रस्तुति की। वहीं सारस्वत सुमन ने तबला वादन,विकास पासवान में कत्थक नृत्य ,कुमार गौरव ने गजल की शानदार प्रस्तुति की।
आरपीएस स्कूल के बच्चों द्वारा लघु नाटिका जो कि भ्रूण हत्या पर आधारित थी उपस्थित अधिकारियों एवं दर्शकों को काफी प्रभावित किया मुजफ्फरपुर जिले से संबंधित सुरों के सारथियों ने जब स्वरांजलि से हुक दी तो तालियों की गड़गड़ाहट से ऑडिटोरियम गूंज उठा।
मौके पर उपस्थित जिलाधिकारी ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं का सम्मान करना गौरव का विषय है। जिस समाज में महिलाओं का सम्मान किया गया उस समाज ने तरक्की की। उन्होंने कहा कि एक महिला के जागरूक व शिक्षित होने से एक पूरा परिवार शिक्षित होता है। उन्होंनेअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी को अपनी शुभकामनाएं दी साथ ही कहा कि कि वर्तमान समय में महिलाओं के हौसले आसमान को छू रहे ।महिलाएं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही हैं।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को जिलाधिकारी, नगर आयुक्त एवं उप विकास आयुक्त के द्वारा प्रशस्ति देकर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य जाने-माने एंकर गोपाल फलक ने किया।
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