बसनहीं थाना क्षेत्र में नाबालिंग लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाले गिरफ्तार
बसनही.सहरसा जिले के सोनवर्षा प्रखंड में अपराध रूकने के नाम नहीं ले रहा है.अपराधियों के बांहों में बसनही थाना क्षेत्र है. इसमें महुआ उत्तरबाड़ी पंचायत है.यहां पर में 25 फरवरी 2022 को महादलित नाबालिगों से बलात्कार हुआ था.पीड़िताओं की उम्र 15 साल और 8 साल है.दोनों शुक्रवार को शाम घर से शौच के लिए निकलीं, लेकिन वापस नहीं लौटी.परिजनों ने पूरी रात खोजा, लेकिन कोई खबर नहीं मिली.तब जाकर बसनही थाना को आवेदन देकर बच्चियों के अगवा होने की जानकारी दी गयी. आवेदन में सरफराज, शमशाद और हिराज को नामजद किया गया था. रिपोर्ट की माने तो बसनही के थानाध्यक्ष रहमान अंसारी ऐसा कोई आवेदन मिलने से शुरुआत में इनकार करते रहे.
बसनही थाना क्षेत्र में नाबालिग से बलात्कार करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है.इस मामले में शुक्रवार को पूर्व विधायक सह नार्थन कोलफील्ड लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशक संजीव झा पीड़िता के गांव पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी ली.
पूर्व विधायक कहा कि इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने जिस प्रकार से इस मामले की लीपापोती की है, वह निदनीय है. थाने से महज 500 मीटर की दूरी पर यह जघन्य घटना घट जाती है और स्थानीय पुलिस मौन बनी रहती है. इतना ही नहीं, बसनही थाना पुलिस ने एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई केस दर्ज नहीं की, जबकि स्वजन थाना में मुकदमा करने के लिए गये तो उन्हें स्थानीय स्तर पर पंचायत करने की बात कहकर भगा दिया गया.पुलिस की इस शिथिलता से सरकार की बदनामी हो रही है, जो कतई बर्दाश्त योग्य नहीं है. नीतीश सरकार के सुशासन की छवि को कर्तव्यहीन एवं लापरवाह स्थानीय पुलिस प्रशासन धूमिल कर रही है.बाद में जब विश्व हिदू परिषद, बजरंग दल,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं अन्य सामाजिक संगठनों ने पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया तब दबंगों एवं पंचायत प्रतिनिधि के इशारे पर पीड़ित परिवार को आवेदन देने से डराने धमकाने की कोशिश की गयी. जब बाद में सभी सामाजिक संगठन ने पीड़ित परिवार को हिम्मत और हौसला दिया तो दो मार्च को मामला सहरसा सदर महिला थाना में दर्ज करवाया गया.पीड़िता का मेडिकल के लिए आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई.उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस प्रशासन ने जानबूझकर मामले को लंबित कर आरोपियों को भागने का मौका दिया.उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है, न ही गिरफ्तारी के लिए स्थानीय थाने की पुलिस गंभीर दिख रही है.
आज प्रतिनिधि मंडल में विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व जिला मंत्री सह छात्र संघ अध्यक्ष सागर कुमार नन्हें, पूर्व जिला भाजपा उपाध्यक्ष विजय बसंत, मंडल भाजपा अध्यक्ष मुकेश मानस , पंचायत समिति सदस्य चंद्रदेव मंडल ,समाज सेवी बौआ खां, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष मनीष कुमार, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह, जिला प्रवक्ता भाजपा बालकृष्ण झा पप्पू, भाजपा नेता सतीश चिक्कू, विप्लव, अभाविप के पूर्व जिला संयोजक दीनबंधु सिंह,नगर सह मंत्री रोहित जायसवाल, भीमशंकर वत्स आदि मौजूद थे.
महादलित टोले की दो नाबालिग लड़कियों को अगवा किया गया. उनसे गैंगरेप हुआ.मामले को रफा-दफा करने के लिए पंचायत भी बैठ गई.63 हजार रुपए का जुर्माना लगा आरोपितों को बरी कर दिया गया.थानाध्यक्ष रहमान अंसारी पीड़ितों के दावे के विपरीत आवेदन मिलने से इनकार करता रहा.
दोनों बच्चियाँ शनिवार दोपहर मधेपुरा जिला के खाड़ा गाँव में मिलीं.उन्हें घर वापस लाया गया. उन्होंने बताया कि अगवा कर पूरी रात गाँव के चार लड़कों ने उनके साथ दुष्कर्म किया और फिर सुबह खाड़ा में छोड़कर चले गए. इसके बाद मामले को दबाने का सिलसिला शुरू हो गया.
आखिरकार जब मामला मीडिया में आ गया और सामाजिक संगठनों के लोग पीड़ित परिवार के साथ खड़े हुए तो पुलिस ने मामला दर्ज किया.यह सब कुछ हुआ है बिहार में.घटना सहरसा के बसनही थाना क्षेत्र के महुआ उत्तरबाड़ी पंचायत की है. आरोपितों के नाम हैं: मोहम्मद सरफराज, मोहम्मद हिराज, मोहम्मद शमशाद और राजा.
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