Saturday 23 April 2022

जब पटना वीमेंस काॅलेज की प्राचार्या सिस्टर रश्मि एसी



पटना.चाय वाला का तंगमा लगाकर गुजरात के रहने वाले नरेंद्र दामोदर मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन गये.प्रफुल्ल बिल्लोरे अहमदाबाद में चाय का व्यवसाय करते हैं और यह एमबीए चायवाला के नाम से अधिक लोकप्रिय हैं और पिछले चार से 5 सालों में इन्होंने अपने व्यापार के Turnover को 3 करोड़ तक पहुंचा दिया है.वह 25 साल का है.इसमें वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन करने वाली प्रियंका गुप्ता पूर्णिया की रहने वाली का नाम जुड़ गया हैं.वह 11 अप्रैल से पटना वीमेंस कॉलेज के पास में ही एक चाय का ठेला लगाकर चाय बेचती हैं.उससे मिलने पटना वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या सिस्टर एम रश्मि एसी गयी.

अभी 14 दिनों से पटना वीमेंस कॉलेज के आस-पास एक लड़की चाय बेचती दिखाई दे रही है. 24 वर्षीय इस लड़की का नाम प्रियंका गुप्ता है, और वह एक ग्रेजुएट चाय बेचने वाली हैं. वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन करने वाली प्रियंका गुप्ता पूर्णिया की रहने वाली हैं, फिलहाल वह पटना वीमेंस कॉलेज के पास में ही एक चाय का ठेला लगाकर चाय बेचती हैं.

पिछली दो सालों से प्रियंका प्रतियोगी परीक्षाएं दी रही हैं लेकिन वह इस परीक्षा में असफल हो रही थीं. जिसमें बैंक और रेलवे की परीक्षा भी शामिल थीं. परीक्षा में असफल होने पर वह घर जाने के बजाय पटना में ही चाय बेचकर अपनी रोजी रोटी के जुगाड में लग गई. उन्होंने अभी हाल में ही 11 अप्रैल को प्रियंका ने चाय बेचने का काम शुरू किया है. प्रियंका कहती हैं कि इतना पढ़कर लिखकर भी मुझे चाय बेचने में कोई गुरेज नहीं है.

पटना के सबसे वीआइपी इलाके में एक बेली रोड पर पटना वीमेंस कालेज के ठीक सामने ‘ग्रेजुएट चाय वाला‘ की प्रियंका गुप्‍ता इंटरनेट पर कम वक्‍त में छा गई हैं.केवल 14 दिनों में ही उनकी दुकान चल निकली है. और अब वे अपनी दुकान को नई जगह पर विस्‍तार देने की योजना बनाने में भी जुट गई हैं. मजे की बात है कि जब उन्‍होंने यह दुकान खोलने का इरादा किया तो उनके पास कोई पूंजी भी नहीं थी.

वह मूल रूप से पूर्णिया के बनमनखी की रहने वाली हैं. दो भाइयों से बड़ी 24 वर्षीय प्रियंका 2019 में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद कई सालों तक प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी करती रहीं. परीक्षा में लगातार असफलता मिलने के बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्‍होंने अपने गांव वापस जाने की बजाय पटना में चाय का ठेला लगा कर आत्मनिर्भर भारत का रास्‍ता चुना है.

वह कहती हैं कि 30 जनवरी को पूर्णिया से पटना आते वक्त उन्होंने अपने पिता से कहा कि वह पढ़ाई करने के लिए पटना जा रही हैं. इन दो महीनों के दौरान वह पटना की कई चाय की दुकानों पर गईं और यह समझने की कोशिश की कि चाय की दुकान का व्यापार आखिर कैसे चलता है?वह कहती हैं कि चाय की दुकान खोलने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे.उन्‍होंने कई बैंकों से संपर्क किया, ताकि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन स्कीम के तहत पैसे मिल जाए.उनका दावा है क‍ि किसी बैंक ने कोई मदद नहीं की.इसके बाद दोस्तों से 30 हजार रुपये की मदद लेकर 11 अप्रैल को पटना वीमेंस कालेज के पास चाय की दुकान खोल दी.प्रियंका बताती हैं कि चाय के सबसे बड़ी ग्राहक वीमेंस कालेज की छात्राएं हैं, जो हमें सपोर्ट करने के साथ हौसला भी बढ़ाती हैं.इस दुकान पर छात्राओं के अलावा अन्य लोग भी चाय पीने पहुंचते हैं.

इस बीच पटना वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या सिस्टर एम रश्मि एसी चाय की दुकान गयी.उनका कहना है कि एक नारी बहादुरी से चाय बेच रही है.मैं चाय पीने नहीं जा रही हूं बल्कि हिम्मत बढ़ाने आयी हूं.उनका कहना है कि आम तौर पर बिहार में महिलाएं चाय की दुकान का व्यवसाय करने से दूर रहती हैं, लेकिन बिहार की राजधानी पटना में एक स्नातक पास लड़की ने चाय दुकान को ही अपना व्यवसाय बना लिया है.

उन्होंने कहा कि आप लोगों ने एमबीए चाय वाले का नाम तो जरूर ही सुना होगा एमबीए चाय वाले के नाम से फेमस गुजरात के प्रफुल्ल ने चाय को अपना स्टार्टअप बनाकर आज लाखों युवाओं को अपना रोजगार खड़ा करने के लिए प्रेरणा देते रहते हैं. उन्हीं प्रेरित युवाओं में से बिहार की पूर्णिया की रहने वाली प्रियंका आज लाखों लड़कियों के साथ साथ युवा दिलों की प्रेरणा बन रही है.

उन्होंने कहा कि आपको वह ‘पकौड़े तलने’ वाले जोक्स तो याद ही होंगे. हालाँकि अगर अब देखा जाए कि जिस तरह से देश भर में बेरोजगारी बढ़ी है, ऐसे में लोग छोटे से छोटे काम करने में भी संकोच नहीं कर रहे हैं. चाय बेचना लोगो के लिए बेहतरीन स्टार्ट अप में से एक बन गया है, पढ़े लिखे लोग आज का चाय की दूकान खोल रहे है, हालांकि अब तक इस रेस में केवल लड़कों का नाम ही सामने आया था, वहीं अब पटना की एक चायवाली भी सुर्खियों में आ गई है. पटना वीमेंस कॉलेज के आस-पास अगर आपको एक लड़की चाय का ठेला लगाए नजर आए तो हैरान होने की जरूरत नहीं है. दरअसल, 24 वर्षीय प्रियंका गुप्ता कोई आम चाय वाली नहीं हैं , बल्कि एक ग्रेजुएट चाय बेचने वाली हैं. 

प्रियंका बताती हैं कि स्नातक करने के बाद वह कई सालों तक प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयारी करती रहीं. परीक्षा में लगातार असफलता मिलने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. और उन्‍होंने अपने गांव वापस जाने की बजाय पटना में चाय का ठेला लगा कर आत्मनिर्भर भारत का रास्‍ता चुना. मीडिया को दिए गए अपने इंटरव्यू में प्रियंका कहती है कि लोकल ना होने की वजह से पटना में उन्हें अपना रोजगार खड़ा करने के लिए लोन नहीं मिल सका, जिसके बाद अपने दोस्त के मदद से रुपए उधार लेकर उन्होंने पटना वीमेंस कॉलेज के सामने एक छोटी सी चाय के स्टॉल लगाई. अपने दुकान के बैनर को भी उन्होंने बेहद ख़ास बनाया जिसमें कई तरह के टैगलाइन दिए गए हैं. 

इसमें लोगों को किसी भी काम को करने की प्रेरणा देने के लिए लिखा है कि “लोग क्या सोचेंगे? अगर आप यह सोचने लगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे?”. ‘ग्रेजुएट चाय वाली’ प्रियंका ने बताया कि चाय बेचने का आइडिया ‘एमबीए चाय वाला’ प्रफुल्ल बिलोर का वीडियो देखने के बाद आया. उनकी मानें तो यदि अपने जीवन में कुछ अलग करने की ठानी हो और उस लक्ष्य को लेते हुए आगे बढ़ते हैं तो आपको मंजिल जरूर मिलती है.

यहां पर कुल्हड़ चाय 15, मसाला चाय 20, पान चाय 20 और चॉकलेट चाय 10 जैसी चाय की कई नई और अनोखी किस्में पीने को मिलती हैं.हर किस्म की चाय का दाम मात्र 15 से 20 कप रखा है.

एक सवाल के जवाब में ग्रेजुएट प्रियंका गुप्ता कहती है चायवाली से लड़के विवाह करने से मुँह मोड़ लेंगे,तो वैसे लोग भाड़ में चले जाए.

आलोक कुमार  


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