Saturday 18 June 2022

प्रशासक या प्रशासक पर्षद की उसको संभालेंगे

 *              19 जून,2017 को पटना नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण हुआ था.

पटनाः पटना नगर निगम के नवनिर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण 19 जून 2017 को हुआ था.इस तरह पटना नगर निगम का पांच वर्षीय कार्यकाल शनिवार को समाप्त होने वाला है.कार्यकाल समाप्त होने के पूर्व पटना नगर निगम की 26 वीं साधारण बोर्ड की बैठक बांकीपुर अंचल कार्यालय के सभागार में हुई. इस बैठक में मेयर सीता साहू, डिप्टी मेयर रजनी देवी और अन्य पार्षद उपस्थित थे.

इस अंतिम बैठक में वार्ड संख्या- 27 की वार्ड पार्षद रानी कुमारी के द्वारा बेहतर से बेहतर कार्य करने के लिए उनको मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.उनके अलावे अन्य सभी माननीय पार्षदों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.वहीं पटना नगर निगम के 75 पार्षदों का दुर्भाग्य रहा कि बिहार सरकार नियम समय में निकाय का चुनाव कराने में असफल हो गयी.इसके आलोक में पार्षदों का कार्यकाल 19 जून को समाप्त होने वाला है. बता दें बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के तहत किसी भी नगरपालिका का आम निर्वाचन कराना अगर संभव नहीं हो तो कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह नगरपालिका भंग हो जाएगी और सरकार को प्रशासक या प्रशासक पर्षद की उसको संभालेंगे.

पटना नगर निगम के पार्षदों का कार्यकाल 19 जून को समाप्त हो रहा है. नगर निकाय चुनाव की अभी कोई घोषणा नहीं हुई है और सूत्रों की माने तो अभी 4 से 5 महीने का विलंब चुनाव में हो सकता है. ऐसे में शुक्रवार को पटना नगर निगम के बांकीपुर अंचल कार्यालय में महापौर सीता साहू की अध्यक्षता में निगम पार्षदों की इस कार्यकाल की अंतिम बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में सांसद रामकृपाल यादव भी सम्मिलित हुए थे.

आखिरी बैठक में पार्षदों ने जलापूर्ति योजनाओं और जल निकासी योजना के कई अधूरे कार्यों के बारे में प्रमुखता से सवाल उठाए. इस बैठक में 14 प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गई. इनमें से दो प्रस्ताव वार्ड 38 और वार्ड 48 के थे, जिनमें अर्बन हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का निर्माण के संबंध में स्वीकृति देनी थी. लेकिन पार्षद विनय पप्पू और अन्य पार्षदों ने इसका विरोध किया कि सभी वार्ड में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर होना चाहिए. जिसके बाद मेयर ने सभी वार्ड में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने की मंजूरी दी.चुनाव होने तक पार्षद को अधिकार मिला.


वहीं इस बैठक में सांसद रामकृपाल यादव से सभी पार्षदों की ओर से सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने आग्रह किया कि वे अपने स्तर से प्रयास करें कि जब तक नगर निकाय चुनाव की घोषणा नहीं होती है तब तक के लिए पार्षदों के अधिकार विस्तृत किए जाएं, ताकि निगम का काम सुचारू रूप से हो सके और लोगों की समस्याओं पर गंभीरता पूर्वक काम हो सके. बैठक के दौरान विरोध गुट के पार्षद ने भी अपनी मांगें रखी.

जलापूर्ति को लेकर इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि इस कार्यकाल में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं. पहले जहां विभिन्न वार्ड में पार्षदों को मात्र 60 बल्ब मिला करता था. अब सभी वार्ड में 1000 से अधिक एलईडी लाइट उपलब्ध कराई गई है. इससे रात में महिलाओं को सड़क पर निकलने में सुरक्षा की अनुभूति होती है. पहले जलापूर्ति के लिए मात्र 100 पंप थे लेकिन 2017 से 2022 तक 100 अतिरिक्त पंप लगाए गए है, ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल आसानी से उपलब्ध हो सके. इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं.

मौके पर सांसद ने आयुक्त को निर्देश दिये. पाटलिपुत्र के सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि पटना नगर निगम के 5 वार्ड उनके संसदीय क्षेत्र में आते हैं. पटना शहर का और संगठित रूप से विकास हुआ है. ऐसे में उनके क्षेत्र के कई इलाके हैं. जहां पर जल निकासी और जलापूर्ति योजनाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पटना की शुरू से समस्या रही है शुद्ध पेयजल के लिए जलापूर्ति की और जलजमाव की समस्या को देखते हुए जल निकासी की. उन्होंने नगर आयुक्त से कहा है कि मानसून के समय जलजमाव की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए वह लगातार इसकी मॉनिटरिंग करें. इसके अलावा घर-घर शुद्ध पेयजल को लेकर भी निर्देश दिए.

विरोधी गुट के नेता विनय कुमार पप्पू ने कहा कि आज भी जलजमाव की समस्या है और जलापूर्ति योजनाएं शहर में कई जगह अधूरे हैं. इसके लिए नगर निगम का नेतृत्व निश्चित रूप से जिम्मेदार है. इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा कच्ची नाली गली योजना और जलापूर्ति योजना के माध्यम से जो धनराशि पटना नगर निगम को दिया गया वह आज तक निगम के इतिहास में कभी नहीं दिया गया था. इतनी धनराशि देने के बाद भी अगर समस्याएं कायम है तो यह निगम के नेतृत्व की विफलता है. उन्होंने कहा कि नगर निगम का यह कार्यकाल पूरी तरह कमीशन खोरी और प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा देने वाला कार्यकाल रहा है.

इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि 19 जून को सभी पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में सभी पार्षदों की चिंता है कि अभी चुनाव में काफी विलंब है. जनता और सरकार के बीच जो कड़ी है वह पार्षद है. जनता पार्षदों के पास समस्याएं लेकर आती है. अगर समय पर चुनाव नहीं होता है तो ऐसे में जो कुव्यवस्था उत्पन्न होगी. इसको लेकर वह सभी चिंतित हैं.उन्होंने कहा कि सभी पार्षदों ने सांसद रामकृपाल और सरकार से आग्रह किया है कि समय पर चुनाव कराना सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की जिम्मेवारी थी. ऐसे में पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के स्थिति में जिस तरह पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकार चुनाव की घोषणा तक विस्तारित किए गए थे, उसी प्रकार नगर निगम और नगर निकायों के पार्षदों के अधिकार विस्तृत किए जाएं.वह तो सरकार पर निर्भर है कि वह पंचायत प्रतिनिधियों की तरह नगर निकाय के पार्षदों के अधिकार विस्तृत करती है अथवा नहीं.

महापौर सीता साहू ने कहा कि 5 साल का कार्यकाल बेमिसाल रहा और सभी पार्षदों के सहयोग से पटना नगर निगम ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि दोबारा वह फिर से आएंगी. इस बार जलजमाव की समस्या ना हो इसके लिए 39 स्थाई संप हाउस और 40 अस्थाई संप हाउस पूरी तरह सुचारू है और हाल ही में उन लोगों ने निरीक्षण किया है. जहां भी जलजमाव की स्थिति होगी, वहां मशीन से पानी निकालकर नाले में डाल दिया जाएगा. इसको लेकर हाल ही में बुडको के अधिकारियों के साथ भी बैठक की है.

आलोक कुमार 


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