Monday 20 June 2022

बिहार सरकार आंदोलनकारियों के जबरदस्त दमन पर उतर आई है

 


◆ ’रेलवे भर्ती आंदोलन में फर्जी तरीके से एफआईआर दर्ज कर भेजा गया जेल’

◆ ’आज स्वतःसफूर्त रहा भारत बंद, शांतिपूर्ण लड़ाई जारी रखें युवा’

◆ ’अग्निपथ योजना के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराए नीतीश सरकार’

पटनाः इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य उपाध्यक्ष, आइसा बिहार के पूर्व राज्य सह सचिव और पार्टी की राज्य कमिटी के सदस्य साथी तारिक अनवर को गया पुलिस ने 19 जून की रात 10 बजे करीब उनके घर से गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें स्थानीय थाने में न रख किसी अज्ञात जगह पर ले जाया गया है.जिला सहरसा के आइसा के संयोजक मन्नु कुमार ने कहा कि प्रशासन अविलंब उनका लोकेशन बताए.अगर अविलंब सही लोकेशन और रिहा नही किया गया तो भारी आंदोलन होगा जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी.
 
इस बीच भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने 19 जून की रात गया के चाकंद से भाकपा-माले की राज्य कमिटी के सदस्य व इनौस के बिहार राज्य उपाध्यक्ष तारिक अनवर की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है. कहा कि बिहार सरकार आंदोलनकारियों के जबरदस्त दमन पर उतर आई है. मुकदमे थोपे जा रहे हैं और जगह-जगह निर्दोष लोगों की गिरफ्तारी हो रही है. हम सरकार से मांग करते हैं कि आंदोलनकारियों पर से तमाम मुकदमे वापस और सभी गिरफ्तार छात्र-युवाओं को रिहा किए जाएं. आज छात्र-युवा संगठनों ने गिरफ्तार नेताओं की रिहाई व मुकदमे की वापसी के सवाल पर राज्य के विभिन्न इलाकों में आक्रोश मार्च भी निकाला.

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि कामरेड तारिक अनवर को चंदौती थाना प्रभारी ने यह कहते हुए गिरफ्तार किया कि आज के भारत बंद के मद्देनजर उन्हें डिटेन किया जा रहा है. शाम में छोड़ दिया जाएगा, लेकिन थाना प्रभारी उन्हें जीआरपी थाना ले गए और रेल भर्ती के विगत आंदोलन में गया में ट्रेन के डब्बे में आग लगाए जाने के एक केस में जेल भेज दिया, जबकि एफआईआर में उनका नाम नहीं था. जिस घटना का हवाला देकर उन्हें जेल भेजा गया, उसमें वे शामिल ही नहीं थे.

उन्होंने कहा कि हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि यदि वह सचमुच अग्निपथ योजना के खिलाफ है, तो विधानसभा के आगामी सत्र में इस योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित करे.22 जून को पटना में भाकपा-माले व महागठबंधन के सभी घटक दलों के विधायक राजभवन मार्च करेंगे.माले राज्य सचिव ने कहा कि मोदी सरकार के इस अड़ियल रवैये के खिलाफ कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन से सीखते हुए सरकार को झुकाने के लिए छात्र-युवा समुदाय को लंबी लड़ाई की योजना बनानी चाहिए.

आलोक कुमार


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