Sunday 24 March 2013

वनविभाग की प्रताड़ना झेल रहे हैं आदिवासी


वनविभाग की प्रताड़ना झेल रहे हैं आदिवासी

भोपाल- वनअधिकार मान्यता कानून लागू होने के 5 वर्ष बाद भी हजारों की तादाद में वनभूमि पर वर्षो से काबिज आदिवासी आज भी अपने हक के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं और वनविभाग की प्रताड़ना झेल रहे हैं। एकता परिषद द्वारा गांधी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सवंाद में आये विभिन्न जिलों के आदिवासियों ने अपनी भूमि अधिकार की पीड़ा को रखा।

रायसेन जिले के डोभ गाँव से आये श्री भूर सिंह ने कहा कि उनके गाँव के आस पास के गाँवंों में सामुदायिक अधिकार नहीं मिलने तथा राष्ट्रीय पार्क अभ्यारण्य के कारण आदिवासियों को सामुदायिक निस्तार के वनविभाग के द्वारा प्रताडित किया जाता है। बैतूल जिले से आयी श्रीमती संतो सरयाम ने कहा कि भैसदेही, अमला तथा भीमपुर ब्लाक में राजस्व वनसीमा के विवाद तथा वनअधिकार मान्यता कानून के लागू ने होने के कारण आदिवासियों को बहुत पीड़ा है। पाट गावं के 18 और मांगाझीरि 6 गुरूवां गावं के 45 लोगो को गलत तरीके से आरोपित कर कोर्ट का चक्कर लगावाया जा रहा है। रायसेन के सुल्तानपुर से आये श्री विजयभाई ने कहा कि नगर पंचायत की सीमा का गलत कारण बताकर आदिवासियों को भूमि अधिकार से वंचित किया जा रहा है। मडंला जिले से आये राजेष ने बताया कि टिकरी चलनी गावं में वन सुरक्षा समिति कानून के लागू होने के बाद से हर एक साल 86 गौड आदिवासी परिवारों की खेती का जला और पषुओं के द्वारा नष्ट करा दिया जाता है। सवंाद में आये नवरचना समाज सेवी संस्था के श्री संतोष भाई ने कहा कि बुंदेलखण्ड और बघेलखण्ड में आदिवासियों को सामुदायिक निस्तार का अधिकार अभी तक नहीं मिला है। 

मुख्य अतिथि के रूप में सवाद में पधारे मध्यप्रदेष हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामपाल सिंह ने एकता परिषद की भूमि आंदोलन की तारीफ करते हुए कहा कि संवाद में उठाये प्रत्येक बिंदुओ को वे सरकार के समक्ष रखेंगे और विष्वास दिलाया कि उस पर कार्यवाही की जायेगी। भूमि आंदोलन से जुड़े उत्तरप्रदेष के श्री राकेष दीक्षित ने जमीनी स्तर पर भूमि आंदोलन को मजबूत कर सरकार पर जनदबाव बनाने की रणनीति की आवष्यक्ता पर बल दिया।

संवाद का संचालन प्रांतीय संयोजक श्री दीपक अग्रवाल ने किया। संवाद कार्यक्रम को सफल बनाने में अनीष कुमार के.के, जीतेन्द्र कुमार, महेन्द्र गोहिया, अषोक कुमार, सरस्वती उइके और राकेष रतन सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया।

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