Thursday, 25 July 2013

5 हजार रूपए का उछालकर 10 हजार रूपए कर दिये

किसिम-किसिम की समस्याओं से जूझ रहे हैं महादलित

इंदिरा आवास योजना की बढ़ती राशि से दलालों की चांदी


नालंदा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले में एकंगर सराय प्रखंड है। इस प्रखंड के अन्दर एकंगरडीह पंचायत पड़ता है। एकंगरडीह रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर एकंरडीह गांव में दक्षिणी चमर टोली है। इनकी हालत चिन्तनीय है। आज भी पुश्तैनी कार्य किया करते हैं। आज भी रविदास मृत जानवरों को उठाकर किसी जगह में जानवरों को ले जाकर चमड़ी निकालकर दो जून की रोटी का जुगाड़ करते हैं।
यहां पर 200 सालों से रविदास समुदाय के लोग रहते हैं। बीस कट्टे जमीन पर रविदास समुदाय के लोग 60 घर बनाये हैं। इस जमीन पर रहने वाले 21 लोगों के पास वासगीत पर्चा है। इसके बाद किसी जन को वासगीत पर्चा निर्गत नहीं किया गया है। यहां की जनसंख्या 376 है। कुछ मिट्टी के और कुछ पक्की मकान है। सरकार के द्वारा सर्वे करवाने के बाद 50 लोगों को बीपीएल में 10 परिवार को एपीएल में रखा गया। बीपीएल परिवारों में 7 परिवारों को पीला और शेष 43 परिवारों को लाल कार्ड निर्गत किया गया है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है। अभी तक सिर्फ 10 लोग ही मैट्रिक उर्त्तीण हैं। उसमें 2 लड़कियां भी शामिल हैं। अंजू कुमारी बी00 की परीक्षा दे चुकी हैं। रिजल्ट के इंतजारी में हैं। वहीं प्रतिमा कुमारी किसी तरह से मैट्रिक उर्त्तीण हो सकी हैं। परिवार की माली हालत खस्ता रहने के कारण आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख सकी। इस चमर टोली में 30 लोगों का स्मार्ट कार्ड बना है। आजतक स्मार्ट कार्ड का उपयोग नहीं किया गया है। हालांकि स्मार्ट कार्ड के बारे में लोगों को समुचित जानकारी है। स्मार्ट कार्ड को हॉस्पिटल में भर्त्ती होने के बाद ही उपयोग में लाया जाता है। इसके कारण उपयोग नहीं हो सका है। मनरेगा में 5 लोगों को जॉब कार्ड बना है। जॉब कार्ड लोगों के पास नहीं है। फिर भी काम करने की जानकारी को दीवार में लिख दिया गया है। जो जांच का विषय हो सकता है। यहां के नौजवान पलायन करके अन्य प्रदेश में जाते हैं। ईंट भट्टा में काम करने जाने के लिए बाध्य हो रहे हैं। खेत में असमान मजदूरी दी जा रही है।
इस टोली में रहने वाले बिरजू रविदास का कहना है कि बीपीएल में स्कोर अधिक रहने के कारण सिर्फ 30 लोगों का ही इंदिरा आवास योजना से मकान बना है। 30 लोग कच्चे मकान में रहने को बाध्य है। उनका कहना है कि जब कभी इंदिरा आवास योजना में राशि बढ़ायी जाती है। तब बढ़ती राशि के आलोक में योजना में दखल करने वाले दलाल अपनी दलाली की दर में बढ़ोतरी कर दिये हैं। सबसे पहले ढाई हजार रूपए,तीन हजार,पांच हजार और अब दस हजार रूपए की मांग होने लगी है।
  इस समय एकंगरडीह पंचायत की मुखिया इंदु सिन्हा हैं। जो चमर टोली में रहने वाले महादलितों के ख्याल नहीं करती है। इसी तरह पूर्व मुखिया मदन प्रसाद ने भी किया करते थे। मुखिया ने अपने गांवों में बिजली लगा दिये। मगर 50 गज की पर स्थित चमर टोली को बिजली से उपेक्षित छोड़ दिया है। इसको लेकर यहां के लोग लोकगीत गाने को मजबूर हैं। हमरे कमइया से कोठा अठारी शोभे घरवां में बिजली इंजोर,कि हमर घरवा सूअर के बखौर हो किसनवां हमर घरवा सूअर के बखौर। यहां के लोगों ने सरकार से मांग की है कि चमर टोली में चापाकल गाढ़ा जाए। जल निकासी की व्यवस्था की जानी चाहिए। यहां पर और अधिक शौचालय निर्माण करवाने की जरूरत है। आवाजाही करने के लिए संर्पक मार्ग की जरूरत है।
आलोक कुमार