कुछ दिनों
के
बाद
गांव
के
लोगों
को
मिलने
लगेगा
शुद्ध
पेजयजल
यह योजना नक्सल प्रभावित
11 जिलों
में
सितम्बर
माह
से
शुरू
होगा
फतेहपुर। अब नक्सल प्रभावित क्षेत्र गया जिले में पेयजल की किल्लत नहीं होगी। लोगों को आकाश की ओर वर्ष के लिए टकटकी लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चापाकल का जलस्तर गिरने का खतरा नहीं होगा। इस ओर सरकार और गैर सरकारी संस्थाओं ने कमर कस लिया है। इस तरह के महत्वपूर्ण कार्य में फिलवक्त गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति ने बाजी मार ली है। इसके द्वारा मॉडल के तौर पर नीमी पंचायत के किशनपुर गांव में जलापूर्त्ति केन्द्र स्थापित कर दिया गया। कुछ दिनों के बाद ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा।
प्रगति ग्रामीण विकास समिति के प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर वृजेन्द्र कुमार ने बताया कि वाटर एड इंडिया के सहयोग से गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा मॉडल के तौर पर जलापूर्त्ति केन्द्र बनाया गया है। इस जलापूर्त्ति केन्द्र को जनता को सुपुर्द करने की तैयारी जोरशोर से जारी है। नीमी पंचायत के किशनपुर गांव में एक अश्व शक्ति का मोटर लगाया गया है। जो सोलर सिस्टम से चलेगा। इससे 50 परिवारों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। इस पर साढ़े पांच लाख रूपए से अधिक की लागत आयी है। इसमें बतौर गांव के लोगों के द्वारा 50 हजार रूपए चंदा दिये हैं। चंदा देने का परिणाम यह निकला कि गांव के लोगों के द्वार तक पाइप का संयोजन किया गया है। इसके साथ स्टैण्ड नल भी लगा दिया गया है।
गैर सरकारी संस्था की पहलकदमी के बाद अब नक्सल प्रभावित गांव के लोगों को पानी के लिए आकाश की ओर टकटकी लगाने की जरूरत नहीं है। अब नक्सल प्रभावित गांवों में राज्य सरकार मेहरबान होकर दोहरी पेयजल षुरू करने का फैसला लिया गया है। यह योजना सितम्बर से लागू हो जाएगी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने इसकी रूपरेखा तैयार कर लिया है। यह स्कीम राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत शुरू की जा रही है। एक स्कीम पर 5.50 लाख रूपए खर्च होंगे जिसमें 50 प्रतिशत खर्च केन्द्र सरकार व 50 प्रतिशत राज्य सरकार के जिम्मे होगा। महाराष्ट्र सरकार भी इस योजना को लागू कर रही है।
प्रथम चरण यह योजना राज्य के 150 गांवों में शुरू होगी। इसके बाद इस योजना का आगे विस्तार किया जाएगा। ड्यूअल पेयजल योजना अभी राज्य के इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान जिले गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, नवादा, सासाराम, भभुआ, सीतामढ़ी, पश्चिम चम्पारण , जमुई व मुंगेर में लागू होगा। ये सभी नक्सल प्रभावित है। आवश्यकतानुसार सभी जिलों को स्कीम का आवंटन किया गया है।
द्वितीय चरण में अन्य जिलों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। दलित, महादलित व आदिवासी बहुल इलाकों को विशेष प्राथमिकता जाएगी। सभी जिलों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता स्कीम के लिए गांवों व टोलों का चयन करेंगे। विभाग ने सभी कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया है कि अपने-अपने जिलों में योजना के लिए गांव व टोलों का चयन कर लें ताकि अगले माह से इस स्कीम को लागू किया जा सके। जिन गांवों की आबादी करीब 500 है वहां एक बोरिंग किया जाएगा और उसमें एक हैंड पम्प लगाया जाएगा। साथ ही इस बोरिंग में एक एचपी का मोटर पम्प भी लगेगा जो सोलर सिस्टम से चलेगा। बोरिंग से मोटर पम्प के द्वारा पानी खींचकर टंकी में जमा किया जाएगा और उसे गांव व टोलों में आपूर्त्ति की जाएगी। लाख गयी है।
आलोक कुमार
9939003721