देशवासियों को केन्द्र सरकार के तोहफा के रूप में
सितम्बर माह में राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति मिलना तयः शर्मा
सुझावों को बटोरकर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को सुपुर्दी सोमवार को
पटना। देशवासियों को आजादी के 66 साल के बाद राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति मिल जाएगी। अगले माह सितम्बर में केन्द्रीय मंत्री समूह की बैठक होगी और उक्त बैठक में राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति को स्वीकृति मिल जाएगी। इस तरह सिविल सोसायटी के द्वारा लम्बे संघर्ष के बाद केन्द्र सरकार के द्वारा नागरिकों को राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति के रूप में तोहफा मिल रहा है। इसमें 2 हजार सिविल सोसायटी का सहयोग है। 350 जिलों में 1500 सभा की गयी है। प्रस्तावित राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति के तहत जो सुझाव आ रहे है उसे हरहाल में 26 अगस्त,2013 तक केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को सुपुर्द कर देना है।
टास्क फोर्स के सदस्य रमेश शर्मा ने कहाः
Mr.Ramesh Sharma |
पड़ोसी प्रदेश झारखंड से बिहार
में आकर केन्द्र
सरकार के द्वारा राष्ट्रीय भूमि सुधार पर गठित टास्क फोर्स के सदस्य रमेश शर्मा ने जानकारी दी है। इसके पहले सिविल सोसायटी के द्वारा गहन मंथन के बाद निकले सुझावों को उक्त नीति में समावेश कर दिया जाएगा। उनका स्पष्ट कहना है कि देश भर में जमीन के बारे में अघतन जानकारी को सार्वजनिक करना होगा। देश भर में भूमिहीनों के बारे में जानकारी को सार्वजनिक करना होगा। आवासीय भूमिहीनों और खेतीहर भूमिहीनों को कब और कैसे जमीन दी जाएगी खुलाशा करना होगा। यह जमीन कहां पर उपलब्ध है उसे स्पष्ट करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि गांवघर में ही जमीन है। जो त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत के अधीन में है। ग्राम पंचायत के मुखिया के द्वारा आवासीय भूमिहीनों और खेतीहर मजदूरों की जमीन संबंधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है। वार्ड सभा और ग्राम सभा को सशक्त बनाने की जरूरत होगी। उसे 66 साल के प्रजातंत्र के लोग ठीक कर देंगे।
जनादेश 2007 और जन सत्याग्रह 2012 सत्याग्रह पदयात्रा का दबावः
सर्वविदित है कि देश के करीब 2 हजार सिविल सोसायटी के सहयोग से जनादेश 2007 और जन सत्याग्रह 2012 सत्याग्रह पदयात्रा की गयी। इस दौरान 350 जिलों में 1500 सभा की गयी। वहां से निकली समस्याओं और अनुभवों को मिलाकर प्रस्तावित राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनायी गयी है। सिविल सोसायटी के दबाव में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश रफ्तार में कार्य अंजाम दे रहे हैं।
आलोक कुमार