Wednesday 18 September 2013

भूमि समस्याओं का भरमार


ग्रामीण समस्याओं का आंकड़ाबाजी करके डी.एम.को सौंपा आवेदन

गया। पुअरेस्ट एरिया सिविल सोसायटी(पैक्स) के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के बैनर तले गांव विकास यात्रा निकाली गयी। बाराचट्टी, मोहनपुर और बोधगया प्रखंडों के चप्पे-चप्पे में यात्रा करने के दरम्यान ज्ञात हुआ कि आवासीय भूमिहीनों को सरकारी भूमि देने कर भूमिहीनता को दूर करने वाली आंकड़ा छलावा है। आज भी भारी संख्या में आवासीय भूमिहीन बोधगया में पटे पड़े हुए हैं। वहीं वनभूमि पर रहने वालों को वनाधिकार कानून 2006 के तहत लाभान्वित करने के बदले में वन विभाग वन भूमि पर रहने वाले पर मुकदमा ठोंक दिया है। वनाधिकार कानून 2006 के तहत 13 दिसंबर,2005 के पहले वनभूमि पर रहने वाले अनुसूचित जनजाति और 3 पुश्त से रहने वाले गैर अनुसूचित जन जाति को वनभूमि का स्वामीत्व प्रदान करना है।
बाराचट्टी प्रखंड के ग्रामीणांचल की स्थिति ठीक नहीं:
 गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड के गोबरियां नामक गांव के 42, बुमेर(टोला आमात्तरी) गांव के 40 और गुलरबंद गांव के 13 व्यक्तियों की जमीन पर कब्जा है। परन्तु सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के कारण जमीन का पर्चा निर्गत नहीं किया जा सका है। टोला आमात्तरी के 3 लोगों के पास जमीनी कागजात है परन्तु दबंग व्यक्तियों का कब्जा है। मखदुमपुर में 7 व्यक्तियों के पास पर्चा है परन्तु जमीन पर कब्जा नहीं है। गुलरबंद जमीन पर कब्जा और पर्चा है परन्तु 30 व्यक्तियों का दाखिल खारिज नहीं किया गया है। तिलैया काला में 20 व्यक्ति आवासहीन हैं। 15 लोगों के पास आवास है और उनको वासगीत पर्चा निर्गत नहीं किया गया है। सेवाई (टोला जहजवा) में 10 व्यक्ति आवासहीन है। 8 लोगों के पास आवास है परन्तु वासगीत पर्चा नहीं दिया गया है। गोसाई पेसरा में 6 लोगों को आवास है परन्तु दुर्भाग्य से वासगीत पर्चा निर्गत नहीं किया गया है। यहां के 10 लोगों के पास जमीनी कागजात है परन्तु जमीन पर किसी और व्यक्ति का कब्जा है। बलचर में 9 , चांदो में 12,करमा में 25 और रेवदा में 9 व्यक्ति आवासहीन हैं। कोहवरी के लोग वनभूमि पर रहते हैं। वनाधिकार कानून 2006 के तहत वनभूमि पर रहने वाले को मालिकाना हक देने का प्रावधान है। मगर मालिकाना हक देने के बदले वन विभाग ने 29 व्यक्तियों पर मुकदमा कर दिया है।
मोहनपुर प्रखंड के लोग वासगीत पर्चा निर्गत करने की मांग कीः
मोहनपुर प्रखंड में गांव विकास यात्रा के दरम्यान सुगवां नामक गांव 25 व्यक्तियों, चोरनीमा के 15, सुखदेवचक के 31 और मुषरसब्दा के 20 लोगों को जमीन पर कब्जा है। परन्तु सरकार के द्वारा पर्चा निर्गत नहीं किया जा रहा है। वहीं सुखदेवचक के 19,वगुला के 10 और मुशरसब्दा 50 व्यक्ति आवासहीन है। बताते चले कि भूमि सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष डी.बंधोपाध्याय ने अपनी अनुशंषा में सरकार को वासगीत पर्चा निर्गत करने के लिए शिविर लगाने को कहा था। इसी तरह आवासहीनों को 10 डिसमिल जमीन देने की बात कही थी। इस समय 10 डिसमिल के बदले में 3 डिसमिल जमीन आवासहीनों को दी जा रही है।
बोधगया प्रखंड के 18 गांवों में गांव विकास यात्रा:
बोधगया प्रखंड के 18 गांवों में गांव विकास यात्रा के दरम्यान 866 आवासहीनों की पहचान की गयी। 453 वासगीत पर्चा से महरूम हैं। ऐसे 242 लोग हैं। जिनको सरकार ने पर्चा दे रखी है। गांव के दबंगों के सामने लोगों का चारा नहीं चला ताकि पर्चा वाली जमीन पर कब्जा कर सके। इस जमीन पर दबंगों ने कुडंली मारकर बैठ गये हैं।
क्या करना चाहिएः
गया जिले के जिलाधिकारी बालामुरूगम डी अच्छे और सक्षम अधिकारी है। इनको 29 अगस्त, 2013 को प्रेशित आवेदन को गंभीरता से लेना चाहिए। जो आवेदन में उल्लेख किया गया है। उसकी जांच करके समस्याओं का अंत कर देना चाहिए। रैयती जमीन और अन्य जमीनधारकों को वासगीत पर्चा निर्गत करने के लिए शिविर लगाना चाहिए। ऐसा करने से सभी लोगों को पर्चा मिल जाएगा। और तो और सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो जाएगी।
आलोक कुमार