Monday 14 October 2013

गांवघर में कैल्शियम की जगह चावल फांकती गर्भवर्ती महिला





जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, रेफल अस्पताल,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र आदि के ढांचे हैं। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों की फौज है। इसके बाद भी गांवघरों में सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही है। उसी तरह गैर सरकारी संस्थाओं की भी फौज है जो सरकार के ऊपर दबाव बनाकर लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। कुल मिलाकर लोग सुविधाहीन बनकर रह गये हैं।

दानापुर। गर्भावस्था के दौरान गर्भवर्ती महिलाओं को आयरन और कैल्शियम की गोली दी जाती है। आयरन की गोली खाने से हैम्बोग्लोमिन में कमी नहीं होता है। इसी तरह कैल्शियम की गोली खाने से जच्चा और बच्चा की हड्डी मजबूत होती है। बिहार सरकार के द्वारा संचालित आंगनबाड़ी और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आयरन की गोली मुक्त में दी जाती है। कैल्शियम की गोली बाजार से खरीदकर खायी जाती है। इसकी भरपाई गांवघर में अनोखे ढंग से की जाती है।

यूं करती हैं गांवघर की महिलाएं कैल्शियम की गोली की भरपाईः
जब गांवघर की महिलाएं गर्भवर्ती होती हैं तो अपने ढंग से शरीर में जरूरत पड़ने वाले कैल्शियम की भरपाई करने लगती हैं। मिट्टी वाली चूल्हा की परत, खप्परैल घर के खप्पड़ा, छोटे-छोटे ईंट, चावल आदि का प्रयोग करने लगती हैं। इसी तरह राख से दांत साफ करना और राख खाने लगती हैं। ऐसी महिलाओं का कहना है कि सौंधा लगता है। इस लिए सेवन करते हैं। इसका दुश्परिणाम महिलाओं को बताने वाले नहीं रहते हैं। इसके कारण सास के बाद पुत्रवधू भी प्रयोग करने लगती हैं। जरा इस गर्भवर्ती महिला को देखें जो चावल खा रही हैं। आंचल में चावल रखती हैं। उसमें से निकाल-निकालकर खाते रहती हैं।

बिहार महादलित विकास मिशनः
धनवंतरी मोबाईल चिकित्सा योजना महादलितों की बस्ती मे स्वास्थ्य के परिक्षण के लिए विशेष मोबाईल आयुर्वेदिक वैन चलाया जायेगा। योजना के कार्यांवयन के संबंध में विचार-विमर्श कर एक कार्ययोजना का निर्माण किया गया है, जिसके तहत राज्य को विभिन्न जोन मे बांट कर चिकित्स, औषधि एवं जाँच किट सहित वैन निश्चित स्थान एवं समय पर महादलित टोलों में उपलब्ध कराया जायेगा इस योजना का कार्यांवय स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जायेगा। इसमे महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। जो योजना धरती पर उतरी ही नहीं है। इसके बदले में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के द्वारा 12 अप्रैल,2005 को जननी सुरक्षा योजना की घोषणा को ही प्रभावशाली बनाने का दायित्व राश्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कंधे पर डाल दिया गया है।

गांवघर में भी है स्वास्थ्य विभाग से जुड़े ढांचेः

जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, रेफल अस्पताल,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्र आदि के ढांचे हैं। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों की फौज है। इसके बाद भी गांवघरों में सुविधाएं नहीं पहुंच पा रही है। उसी तरह गैर सरकारी संस्थाओं की भी फौज है जो सरकार के ऊपर दबाव बनाकर लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं। कुल मिलाकर लोग सुविधाहीन बनकर रह गये हैं। 

आलोक कुमार