मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वक्तव्य का स्वागत किये हैं कि नगर निकाय और पंचायत के चुनाव में तकदीर चमकाने वाले नेताजी के घर में घरेलू शौचालय होना अनिवार्य कर दिया है। अब नेताजी को डिग्री की जरूरत नहीं है। अब नेताजी को नेतागीरी करने के लिए एक शौचालय की ही जरूरत है।
फतेहपुर।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने
घोषण कर रखा
है। जिस पंचायत
के सभी लोगों
में घरेलू शौचालय
निर्माण हो जाएगा।
तब उस पंचायत
को निर्मल भारत
अभियान के
तहत निर्मल पंचायत घोषित करके
पांच लाख रूपए
देंगे। अगर प्रखंड
के सभी घरों
में घरेलू शौचालय
निर्माण कर दिया
जाएगा। तब निर्मल
प्रखंड घोषित करके 25 लाख
रूपए देंगे। इसको
लेकर पहलकदमी शुरू
हो गया है।
विश्व
शौचालय दिवस 19 नवम्बर को
बनाया गया। मगर
इसको लेकर गांवघर
में जन जागरण
पैदा किया जा
रहा है। इसे
वाटर एड इंडिया
ने मिशन बना
लिया है। अब
वाटर एड इंडिया
ने निर्मल भारत
अभियान में सरकार
को सहयोग भी
देना प्रारंभ कर
दिया है। गांवघरों
में जन जागरण
के साथ स्कूलों
में बच्चों को
निर्मल भारत अभियान
की जानकारी दें
रहे हैं। इसका
नतीजा यह निकल
रहा है कि
बच्चे घर में
जाकर अभिभावकों को
घरेलू शौचालय बनावाने
के लिए प्रेरित
कर रहे हैं।
बच्चों का कहना
मानकर अभिभावक वाडर एड
इंडिया के सहयोग
से प्रगति ग्रामीण
विकास समिति के दफ्तर
में आकर
आवेदन लिखा रहे हैं।
इसके
बाद आवेदन को सरकारी दफ्तर में
दे रहे हैं।
अगर इसी तरह
का लगन रहा
तो निर्मल पंचायत
घोषित करवाने में
पीछे नहीं रहेंगे।
अब जाग उठे
हैं। तेजी से
घरेलू शौचालय का
निर्माण होने लगा
है।
इसको
लेकर इधर फतेहपुर में
रैली निकाली गयी । इसमें राजकीय मध्य विघालय,कांति,नौर्थ लॉडवे
के 875, उत्क्रमिक मध्य विघालय,बुद्धहॉल,मतासो के
88,मध्य विघालय, डिहरी,नीमी
के 405 और उत्क्रमिक
विघालय,पहाड़पुर के 412 परिजन
और छात्र-छात्राएं
ने हिस्सा लिये।
इसके बाद सभा की
गयी। इस अवसर
पर बृजेन्द्र कुमार,
शत्रुघ्न कुमार, सूर्योधन, अमर
भारती, उमाशंकर, उपेन्द्र, मीना,नीलम,अमिशा,
रिंकु,वीरेन्द्र सच्चिादानन्द
आदि ने संबोधित
कर निर्मल पंचायत
घोषित करवाने में
जान की बाजी लगा देने में पीछे नहीं रहेंगे।।
वक्ताओं
का कहना था
कि जुलाई,2013 से
शौचालय निर्माण पर 9100 रूपए
दिया जा रहा
है। बीपीएल परिवारों
को व्यक्तिगत शौचालय
के निर्माण पर
सरकार ने 9100 रूपए
आर्थिक सहायता दे रही
है। यह राशि
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण
विभाग व ग्रामीण
विकास विभाग की
ओर दी जा
रही है। केन्द्र
सरकार की ओर
से निर्मल भारत
अभियान की ओर
से 4600 रूपए व
मनरेगा के तहत
4500 रूपए दिये जा
रहे हैं। लाभार्थी
के जॉब कार्ड
से मनरेगा की
राशि की निकासी
की जाती है।
वहीं लाभार्थी को
अपने पास से
900 रूपए का योगदान
करना पड़ता। इस
तरह से एक
यूनिट शौचालय निर्माण
पर 10 हजार रूपए
व्यय होगा। बच्चों
ने नुक्कड़ नाटक
पेश किये। इसका
मतलब सीधे घरेलू
शौचालय के बारे
में अलख जगाने
में सफल हो
गये।
वाडर
एड इंडिया के
सहयोग से प्रगति
ग्रामीण विकास समिति के
द्वारा फतेहपुर प्रखंड में
कार्य किया जाता
है। इसके परियोजना
निदेशक बृजेन्द्र
कुमार ने कहा
कि 2011 के जनगणना
के अनुसार देश
से 3.75 करोड़ शौचालय
धरती से गायब
है। वहीं उनका
कहना है कि
हम भले ही
क्रिकेट में दुनियाभर
में वर्ल्ड चैम्पियन
विजेता हैं। मगर
यह भी सत्य
है कि आज
भी 626 मिलियन लोग खुले
मैदान में शौचक्रिया
करने को बाध्य
हैं। मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार के वक्तव्य
का स्वागत किये
हैं कि नगर
निकाय और पंचायत
के चुनाव में
तकदीर चमकाने वाले
नेताजी के घर
में घरेलू शौचालय
होना अनिवार्य कर
दिया है। अब
नेताजी को डिग्री
की जरूरत नहीं
है। अब नेताजी
को नेतागीरी करने
के लिए एक
शौचालय की ही
जरूरत है।
आलोक
कुमार