Friday 8 November 2013

बोरिंग रोड में रहने वाली श्रीकांति देवी ने की कष्टकर छठ



*वह चाहे स्त्री हो अथवा पुरूष। जो गंगा घाट में नजर आये। मन्नौती अगल-अलग ढंग से उतारा जाता है। बोरिंग रोड में रोजगार करने वाले रूपेश कुमार सिंह की मां श्रीकांति देवी ने कष्टकर छठ की हैं। बोरिंग से वाहन में आयीं। गंगा किनारे आते ही कष्टकर छठ शुरू कर दीं। समूचे मांग को भगवान भास्कर को दण्डवत करने गंगा किनारे पहुंची।
                                                                                                                                                      
पटना। प्रायः लोग कुछ भगवान भास्कर से मांग करते हैं। उनसे आग्रह किया जाता है कि भगवान याचक की मांग पूर्ण कर देंगे। तो छठ पूजा करेंगे। इसी तरह की मांग की मन्नौती को श्रद्धालु छठ पूजा करके पूर्ण करते हैं। मन्नौती कोई भी श्रद्धालु कर सकता है। वह चाहे स्त्री हो अथवा पुरूष। जो गंगा घाट में नजर आये। मन्नौती अगल-अलग ढंग से उतारा जाता है। बोरिंग रोड में रोजगार करने वाले रूपेश कुमार सिंह की मां श्रीकांति देवी ने कष्टकर छठ की हैं। बोरिंग से वाहन में आयीं। गंगा किनारे आते ही कष्टकर छठ शुरू कर दीं। समूचे मांग को भगवान भास्कर को दण्डवत करने गंगा किनारे पहुंची।

क्या है कष्टकर छठः
क्ष्टकर छठ में व्रती भगवान भास्कर को दण्डवत करके आगे बढ़ते जाते हैं। आदमी के कद को नापा जाता है। जैसे ही व्रती दण्डवत करती हैं तो अन्य लोग व्रती को छुकर आर्शीवाद लेते हैं। व्रती के द्वारा दण्डवत करने से शरीर में कष्ट होने लगता है। उठा और धरती पर लेटो। हाथ आगे करके लकीर खींचो। भगवान को श्रद्धा करों और फिर उसी लकीर पर दण्डवत करों। ऐसा करने भगवान भास्कर खुश हो जाते हैं।

आलोक कुमार