लेडी
आटो ड्राइवर गुडिया
ने कहा कि
मंत्री जी हम
लोगों के लिए
पार्किग की व्यवस्था
कर दें। जहां
पर हम लोग
टेम्पों पार्किग करते हैं।
वहां पर पुरूष
ड्राइवर फब्तियां कसते हैं।
इनसे निजात दिलवाने
का कष्ट कर
दें। वैसे तो
हम बिहार की
नारी हैं, फूल
नहीं चिंगारी हैं।
वह तो समझ
ही लेंगे। इस
समारोह में भाग
लेने के लिए
गुड़िया खुद टेम्पों
चलाकर आयी और
टेम्पों चलाकर चली गयीं।
पटना।
एक साधारण परिवार
में जन्म लेने
वाली का नाम
है शबनम ।
पटना जिले के
फुलवारीशरीफ में जमुलीद्दीन
खान रहते हैं।
उनकी सुपुत्री हैं।
गरीबी और लाचारी
की जंग में
फतह पाकर किसी
तरह से मैट्रिक
पास हो सकी
हैं। इस बीच
शबनम ने मजहबी
दीवार को ढाह
दी। उसने साम्प्रदायिक
क्लेश बढ़ाने वालों
को ठेंगा दिखाकर
मनोज कुमार सिन्हा
के साथ शादी
की बंधन में
बंध गयी। इस
तरह शबनम से
गुड़िया सिन्हा बन गयी।
उसने हिन्दु-मुसलमान
के बीच में
एकता कायम कर
दिये। फिलवक्त दोनों
से एकता के
चिराग को आगे
की ओर चलाने
के लिए कोई
संतान नहीं हुआ
है।
स्थानीय
अखबारों में समाचार
छपा। पटना जिला
आटो रिक्शा चालक
संघ के अध्यक्ष
केरल गये थे।
वहां पर देखा
कि मलयाली लड़कियां
और महिलाएं आटो
रिक्शा चला रही
हैं। संघ के
अध्यक्ष ने पटना
में भी आटो
रिक्शा चालक बनाने
का सपना देखने
लगे। जो साकार
हुआ। लड़कियां और
महिलाएं आटो रिक्शा
सीखकर सड़क पर
दौड़ाने में कामयाब
हो गयीं। उसमें
गुड़िया सिन्हा भी हैं।
उसे पटना जिला
आटो रिक्शा चालक
संघ के कार्यकारी
अध्यक्ष नवीन मिश्रा
का सहयोग मिल
रहा है। तब
गुडिया सिन्हा को पंख
लग गया है।
सोने की जोहरी
की तरह लाइफ
स्टाइल टी.वी.चैनल के
निदेशक अरशददुल्लाह ने परख
लिया। उसे लाइफ
स्टाइल टी.वी.चैनल में
एंकर के रूप
में रख लिया।
इस तरह शबनल
से गुड़िया, गुड़िया
से आटो ड्राइवर
और आटो ड्राइवर
से एंकर बन
गयी।
स्थानीय
बीआईए के सभागार
में नौ देवियां
का लोकार्पण समारोह
का आयोजन किया
गया। मौके पर
गुड़िया को सम्मानित
किया गया। मुख्य
अतिथि सूचना जनसंपर्क
मंत्री वृशिण पटेल ने
गुड़िया को सम्मानित
किया। इस अवसर
पर मंत्री जी
ने रिमोर्ट के
बटन थमाकर लाइफस्टाइल
टीवी के शो
नौ देवियां की
लांचिंग किये। नौ देवियां
में अलगअलग नौ
देवियां के बारे
में प्रस्तुति की
गयी है। इसमें
एंकरिंग का कार्य
गुड़िया ने की
हैं। इस अवसर
पर सूचना जनसंपर्क
मंत्री वृशिण पटेल ने
कहा कि सरकार
महिला सशक्तिकरण के
लिए काफी काम
कर रही है।
पंचायती राज में
आधी आबादी को
पचास फीसदी आरक्षण
दिया गया। वक्त
की मांग है
कि जनसंख्या के
पचास फीसदी पुरूषों
के हर कार्य से रू-ब -रू
हो। अभी गुडिया
बाहर आयी हैं।
इनके तरह अनेकों
हैं। आपका दायित्व
बनता है कि
महिला जन प्रतिनिधियों
को भी समाज
के सामने प्रस्तुत
करें।
इस
अवसर पर वरीय
साहित्यकार आलोक धन्वा,
मगध महिला कॉलेज
की प्राचार्या डा.डॉली सिन्हा,
प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक विनोद
अनुपम, वरीय चिकित्सक
डा. सारिका राय,
विवेक चन्द्र आदि
ने विचार व्यक्त
किये।
लेडी
आटो ड्राइवर गुडिया
ने कहा कि
मंत्री जी हम
लोगों के लिए
पार्किग की व्यवस्था
कर दें। जहां
पर हम लोग
टेम्पों पार्किग करते हैं।
वहां पर पुरूष
ड्राइवर फब्तियां कसते हैं।
इनसे निजात दिलवाने
का कष्ट कर
दें। वैसे तो
हम बिहार की
नारी हैं, फूल
नहीं चिंगारी हैं।
वह तो समझ
ही लेंगे। इस
समारोह में भाग
लेने के लिए
गुड़िया खुद टेम्पों
चलाकर आयी और
टेम्पों चलाकर चली गयीं।
आलोक
कुमार