पटना। आजकल राह में रोड़ा अटकाया जाता है। इस तरह किसी भी फिल्ड में किया जाता है। इसके कारण आम से खास लोग परेशान होते रहते हैं।

दीघा थाना क्षेत्र में तार कम्पनी था। उसी कम्पनी में काम करने के बाद अवकाश ग्रहण करने वाले का नाम भीम ठाकुर हैं। अभी मखदुमपुर बगीचा जाने वाली गली में रहते हैं। उनका कहना है कि राह में पड़े ईंट अथवा पत्थर हटा देने से किसी राही को ठेस नहीं लगेगी। हम तो मनुष्य होने का कर्तव्य निर्वाह कर रहे हैं। अपने जमाने में अध्ययन किये थे। कवि ने पुष्प की अभिलाषा नामक कविता में लिखा था। मुझे तोड़ लेना हे ! वनमाली उस राह पर देना तू फेंक जिस पथ पर जाएं वीर अनेक। उससे प्रेरित हूं। मैं कभी उस कहावत पर चलना नहीं चाहता हूं। जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है,वह एक दिन खुद गड्ढा में गिर जाएगा। मैं कभी दूसरों की राह में रोड़ा नहीं अटकाया हैं और न दूसरों को अटकाने के लिए छूट देना चाहता हूं।
आलोक कुमार