पटना। विदेशी लोग भारत में आकर अहिंसात्मक आंदोलनों के प्रभावों का जायजा लेकर गहन अध्ययन करते हैं। भारतीय गुरू होकर विदेशियों को अहिंसात्मक आंदोलन के बारे में जानकारी देते हैं। विदेशी गुर बातों के मर्म को समझकर खुद अपनी जिन्दगी में उतारते और दूसरों को चलने को प्रेरणा देते हैं। इसी को समझने और बुझने के लिए स्वीट्जरलैंड से एलेन डेंगोजिस भारत आये हैं। एलेन खासकर एकता परिषद नामक जन संगठन के बारे में विशेष तौर से जानकारी लेना चाहते हैं। 9 जनवरी को पटना आये। 10-11 जनवरी को बिहार में रहेंगे। इसके बाद बिहार से पड़ोसी प्रदेश में 12-13 जनवरी को झारखंड में रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि जन संगठन एकता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष पी.व्ही.राजगोपाल जी ने वर्ष 2007 में 25 हजार वंचित समुदाय को जनादेश 2007
के तहत सड़क पर उतारा था। इसके बाद वर्ष 2012 में जन सत्याग्रह 2012 के तहत 1 लाख वंचित समुदाय को सड़क पर उतारा था। वंचित समुदाय एक पहर खाना खाकर पदयात्रा सत्याग्रह शुरू कर देते थे। अनुशासन और शिष्टाचार के मिशाल पेश कर रहे थे। यह पदयात्रा सत्याग्रह मीडियाकर्मियों को हरेक दिन ब्रेकिंग न्यूज देते रहे। अब विख्यात गांधीवादी विचारक पी.व्ही.राजगोपाल ने वर्ष 2020 में देश-प्रदेश-विदेश के लोगों को विश्व बंधुत्व के लिए दस लाख लोगों को रोड पर उतारने का आह्वान कर दिये हैं। इसका नाम फिलवक्त ‘10 मिलियन इन 2020 फोर वल्ड यूनिटी’ रखा गया है। बाद में परिवर्तन भी किया जा सकता है। इसके अलावे गांधीवादी विचारक ने ‘ चलो गांव की ओर’ का भी नारा दिया है।
इस संदर्भ में एकता परिषद के राष्ट्रीय समन्वयक प्रदीप प्रियदर्शी का कहना है कि एकता परिषद के संस्थापक पी.व्ही.राजगोपाल की सोच है कि गांव की जमीन पर गांव वालों को काम मिले। गांव वाले पलायन करके शहर की ओर नहीं आये। प्राकृतिक संसाधन जल,जंगल,जमीन का उपयोग करके आजीविका का साधन विकसित करें। गांव के अंदर इनोवेशन के जरिये ग्रामीणों को जोड़ा जाए। कुटीर उघोगों को बढ़ावा दिया जाए। मुर्गी पालन,बकरी पालन,सुअर पालन,जानवर पालन आदि के लिए अनुदान दिया जाए। परस्पर बचत समूह कोे बढ़ावा देना। बचत समूह की राशि से पट्टा पर खेती जमीन लेकर खेती किया जाए। खेती से अनाज पैदा करके अनाज बैंक का सृजन करना। गांव के अंदर भूख से किसी की मौत न हो, पूरी तरह से ग्रामीणों को गारंटी देना। सरकारी योजनाओं से ग्रामीणों को लाभान्वित करवाना। महात्मा गांधी नरेगा से लोगों को काम दिलवाना। आवासीय भूमिहीनों को आवास दिलवाने में सरकार पर दबाव डालना।
आगे कहा कि एकता परिषद बिहार के द्वारा जो अहिंसात्मक आंदोलन और अन्य प्रयास किया जा रहा है। विदेशी मेहमान अवलोकन करेंगे। आज नक्सल प्रभावित भोजपुर जिले के सहार प्रखंड में जाकर कार्य का अवलोकन किया गया। कल पटना जिले के नौबतपुर में जायजा लेंगे।
आलोक कुमार