पटना-।आप इसे क्या कहेंगे? केवल वह सार्वजनिक सम्प्रति रेल की ही रक्षा करने की आवाज बुलंद किए। तो दानापुर मंडल के डीएमई ने रेलवेकर्मी का सफर करने वाले पास ही एक साल के लिए ही रद्द कर दिया। अब सजा देने वाले डीएमई का स्थानान्तरण होने वाला है। तब जाकर आने वाले डीएमई सजा को खत्म करेंगे।
पटना-दीघा रेलखंड पर लोको पायलेट अजय कुमार पासवान ने आपबीती बयान किए। उनका कहना है कि पूर्व रेल मंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अंग्रेजों के समय इस्तेमाल करने वाले रेलखंड पर रेल गाड़ी दौड़ाने में सफल हो गए। अब वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा रेल मंत्रालय से मांग की गयी है कि पटना-दीघा रेलखंड के आर ब्लॉक हॉल्ट से दीघा हॉल्ट तक के रेलखंड बिहार सरकार को सौंप दें। इस रेलखंड पर फोरलाइन रोड निर्माण करेंगे। जो रेल मंत्रालय में विचाराधीन है।
लोको पायलेट का कहना है कि गाड़ी नम्बर 73215 को सुबह 7.40 बजे पटना जंक्शन से चालू करके 8 बजे पटना घाट पहुंचती है। पटना घाट पर 15 मिनट के ठहराव के बाद 8.15 बजे से चलकर 9.50 बजे दीघा घाट हॉल्ट पहुंचती है। दीघा घाट हॉल्ट पर 10 मिनट ठहराव करके 10.35 बजे आर ब्लॉक हॉल्ट पर जाकर रूक जाती है। 10.35 मिनट से 3 बजे तक आर ब्लॉक हॉल्ट पर राम भरोसे गाड़ी को खड़े छोड़ दी जाती है। इस बीच रेल का रखवाला ईश्वर ही हैं। अगर कोई असामाजिक तत्व रेल में आग लगा दें। इसको कोई देखभाल करने वाले नहीं रहते हैं।
लोको पायलेट अजय कुमार पासवान का कहना है कि इसी बात को लेकर डीएमई से शिकायत की गयी । तब डीएमई ने ताव में आकर लोको पायलेट को सजा सुना दी। एक साल के लिए परिवार के साथ सफर करने का पास ही रद्द कर दिया। पास रद्द होने की कुर्बानी का फायदा यह हुआ कि एक व्यक्ति को सुरक्षा के लिए बहाल किया गया। इस बीच पटना रेलवे जंक्शन पर मरम्मती कार्य होने के आलोक में पटना-दीघा रेलखंड पर चलने वाली गाड़ी को रद्द कर दिया। 45 दिनों के बाद पटना-रेलवे खंड 16 मार्च को चालू कर दिया गया है।
एक बार फिर पटना-दीघा रेलखंड की गाड़ी अल्लाह के हवाले है। लोको फोरमेन मुन्ना भगत के आदेश पर रेलगाड़ी में ताला बंद कर के लोको पायलेट चले जाते हैं। अब समझ लें। खुदा न करें कुछ अप्रिय हादसा का गवाह पटना-दीघा रेलखंड हो जाए।
आलोक कुमार
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