Thursday 3 July 2014

और लोगों ने आंगनबाड़ी केन्द्र की सहायिका को ही ‘डायन’ करार दिए


श्यामरेखा मांझी की पत्नी मीना देवी बच्चे समेत
पटना। आंगनबाड़ी केन्द्र में सहायिका पद पर कार्यरत इमित्री देवी को डायन कहकर अपमानित किया जा रहा है। वह भी बाहरी लोगों से नहीं बल्कि रिश्ते में भगीना लगने वाले रामेश्वर मांझी और उसके परिवार के लोग तुल गए हैं। सभी लोगों के हरकत और अत्याचार करने के कारण इमित्री देवी के बेटा - बेटी घर - द्वार छोड़कर भाग खड़े हैं। खाकी और काली वर्दीधारियों के पास गुहार और फरियाद दर्ज करने के बाद भी सार्थक परिणाम सामने नहीं रहा है। अब एक ही राह बच गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हस्तक्षेप करें। कड़े से कड़े आदेश निर्गत करें कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में मुसहर समुदाय रह सके। हालांकि डायन करार देने वाली परिवार के सभी समान लूट लिया गया है। 

नौबतपुर प्रखंड में सावरचक पंचायत है। इस पंचायत के जित्तू चक में 35 घरों में महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। गैर मजरूआ भूमि बांध के नीचे है। बांध ऊपर और मुसहरी नीचे है। ढलान की दूरी 10 फीट है। केवाल की मिट्टी होने के कारण सावधानी से लोग नीचे उतरते हैं। अगर भगवान पानी बरसा दें तो केवाल मिट्टी पर चलना दुस्वार हो जाता है। घर के राख केवाल मिट्टी पर डालते हैं। तब लोग चल पाते हैं। मगर यह राह रामेश्वर मांझी के पुत्र दुःखन मांझी उर्फ बुढ़वा के लिए दुर्भाग्य साबित हुआ। सिर पर 25 किलोग्राम का चावल रखा था। बुढ़वा धड़ाम से गिर गया। कमर में चोट लगने के कारण बेड पर पड़ गया। बेड पर रहते - रहते बेड सोर ( बिस्तरी घाव ) हो गया। परिवार के द्वारा समुचित इलाज नहीं होने के कारण 27 जून को प्राण त्याग दिया।

यह संपूर्ण मामला 5 माह पुराना है। जित्तू चक में आंगनबाड़ी केन्द्र है। इस केन्द्र की सेविका उषा देवी हैं और सहायिक इमित्री देवी हैं। दोनों मिलकर बच्चों को शिक्षा और भोजन उपलब्ध कराते हैं। केन्द्र में 40 से अधिक बच्चे नियमित अध्ययन करने आते हैं। कभी किसी तरह की शिकायत नहीं मिली कि बच्चों को ' डायन ' तंग करती हैं। उसी तरह गांवघर में भी किसी तरह की शिकायत और परेशानी नहीं है। सभी लोग स्व . बाबूचंद मांझी की पत्नी इमित्री देवी के घर में बने भोजन करते हैं। यहां तक कि बुढ़वा भी भोजन किया करता था।

अनहोनी को कोई टाल नहीं सकता है। दो दिन पूर्व ही पानी बरसा था। केवाल की मिट्टी पर अधिक फिसलन हो गया। इमित्री देवी और उसके पुत्रवधू मीना देवी के द्वारा राह में राख डाला जा रहा था। बुढ़वा ने बहादुरी दिखाते हुए बांध से नीचे 25 किलोग्राम वाला चावल लेकर रहा था कि उसका संतुलन डगमगा गया और धड़ाम से गिर गया। दुर्भाग्य से इमित्री देवी की बेटी के घर के पास ही चावल का बोरा गिर गया। उसकी बेटी के बगल में ही इमित्री देवी का घर है। संपूर्ण इल्जाम बुढ़वा के पिताश्री रामेश्वर मांझी ने इमित्री देवी के सिर पर गढ़ दिया। इमित्री देवी का ही भूत ने बुढ़वा को गिरा दिया है।

उस समय आंगनबाड़ी केन्द्र में इमित्री देवी कार्यशील थी। इस बीच बुढ़वा के अभिभावक लोग हंगामा काटने लगे। आंगनबाड़ी सहायिका इमित्री देवी के आने के बाद आम के कूचा बनाने की तरह इमित्री देवी को कुटने लगे। ईंट और डंडा से पीटने लगे। बीच बचाव करने इमित्री देवी की बेटी पत्ति देवी और रजती देवी आई। इसके बाद उसका बेटा श्यामरेखा मांझी भी गए। परन्तु कोई असर नहीं पड़ा। किसी तरह से जान बचाकर भाग खड़ा हो गए। बाबूचंद मांझी की विधवा इमित्री देवी भागकर राघोपुर , विक्रम , पटना चली गयी हैं। इमित्री देवी की बेटी पत्ति देवी और रजती देवी , दुपारचक , पुनपुन चली गयी हैं। पुत्र श्यामरेखा मांझी और उनकी पत्नी मीना देवी समेत बच्चे , नाच बगीचा , रामजीचक , पटना गयी हैं। यह जानकारी जित्तू चक से भागकर नाच बगीचा मुसहरी में मां मुनकियां देवी और पिता सोमर मांझी की झोपड़ी में रह रही है। मीना देवी का कहना है कि चावल , दाल , सुअर , टी . वी . आदि रामेश्वर मांझी और उनके परिवार के लोग ले गए हैं। इनके पास चार घर है। जो भूत बगला में तब्दील हो गया है। वह कहती हैं कि वार्ड सदस्य नरेश मांझी भी समझौता करवाने का प्रयास किए। मगर वार्ड सदस्य की बात भी अमान्य कर दी गयी है। पांच महीने से खाकी और काली वर्दीधारी से पैरवी करने में मोटी रकम व्यय की जा चुकी है। मगर फायदा नहीं हो रहा है।

Alok Kumar

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