पटना।
राजा कुमार के
गुनाहगारों को गिरफ्तारी
करने में पुलिस
की हाथ कांपती
है। अगर पुलिस
मुस्तैद रहती तो
जरूर अभियुक्तों को
सलाखों के पीछे
करने में कामयाब
हो जाती ।
स्थिति यह है
कि 5 जून 2014 को
कांड को अंजाम
देने वाले 6 जुलाई
2014 तक बाहर छुट्टे
साड़ की तरह
विचरण कर रहे
हैं। इनके ऊपर
पुलिस कप्तान मनु
महाराज का भी
जादू नहीं चल
पाया है।
पटना
शहर में स्थित
भिखना पहाड़ी के
आसपास क्रॉकड़ी पंडाल
का कार्य 21 वर्षीय
राजा कुमार करते
थे। इस क्षेत्र
में स्थित पटेल
छात्रावास के 60 से 70 छात्र
और छात्रों की
अंगुवाई करने वाले
नेता रड , लाठी
और हॉकी स्टिक
से लैश होकर
आए और बेहद
ही बेरहमी से
राजा कुमार को
मारा । मारपीट
करके बेहालत करके
चलते बने। ब्लैक
फ्राइडे 05 जून 2014 को पटेल
छात्रावास के उग्र
छात्र और नेताओं
के द्वारा अंजाम
देने के बाद
बेसुध पड़े राजा
कुमार को आम
जनता और व्यवसायिक
मिलकर पी . एम . सी . एच . भर्त्ती कराए। वहां
पर जिदंगी और
मौत से संघर्षशील
राजा कुमार को
चिकित्सक और परिचारिकाओं
ने दवा प्रारंभ
कर दिए। राजा
कुमार की मां
पुतुल महतो ने
आंचल पसार कर
भगवान के सामने
दुआ मांगने लगी।
दवा और दुआ
काम नहीं आया।
अंततः इलाज के
दौरान 7 दिनों के बाद
12 जून 2014 को राजा
कुमार की मौत
हो गयी।
अभिभावकों
ने पीरबहोर थाना
में जाकर केस
किए। जिसका नम्बर
171/14 है। दस को
नामजद अपराधी करार
दिया गया है।
पुलिस को स्पष्ट
नाम मिलने के
बाद भी कार्रवाई
करने में पीछे
रह गयी। अभी
तक पुलिस के
हाथ ही कांप
रहे हैं। इसके
विरूद्ध में लोग
मुखर हो गए
हैं। गांधी के
देश में गांधी , विनोबा , जयप्रकाश के
मार्ग पर चलकर
बेमियादी धरना देने
लगे। गांधी मैदान
के निकट कारगिल
चौक पर 13 जून
से टेंट लगाकर
धरना पर जमे
हुए हैं। आज
23 वां दिन है।
जिला प्रशासन के
द्वारा कोई कार्रवाई
नहीं किया गया।
राजा कुमार की
मौत के बाद
रंक हो गए
परिजन और अन्य
लोगों का कहना
है कि जबतक
इंसाफ नहीं मिलता
तबतक सत्याग्रह जारी
रहेगा।
इस
सत्याग्रह धरना का
नेतृत्व राजा कुमार
की मां पुतुल
महतो कर रही
हैं। बिहार निषाद
संघ एवं व्यवसायी
संघ के बैनर
तले रघुनाथ गांधी ,
रामाशीष चौधरी , शिव शंकर
निषाद , राम प्रवेश
निषाद , देशेष निषाद , सुरेश
कुमार निषाद , राजेश
कुमार , जगेश्वर यादव , सपन
घोष , उमेश निषाद ,
कैलाश महतो , बब्लू
कुमार , सुबोध कुमार , दीनानाथ
प्रसाद , सुधा देवी ,
अनील कुमार , सावित्री
देवी , मुक्ता देवी ,
मोहन निषाद आदि
पुलिस और प्रशासन
के खिलाफ धरना
देकर नाराजगी व्यक्त
किए। वहीं बिहार
निषाद संघ एवं
व्यवसायी संघ के
महासचिव रामाशीष चौधरी ने
मुख्यमंत्री जीतन राम
मांझी को न्याय
दिलवाने में हस्तक्षेप
करने की मांग
की है।
Alok
Kumar
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