अच्छे कार्य करने के लिए 25 हजार रू.का तोहफा
पटना। जिला प्रशासन ने मानव सेवा करने वाली किरण कुमारी को 25 हजार
रू.
देकर
सम्मानित
किया
है।
तबादला
होने
के
पूर्व
जिलाधिकारी
मनीष
कुमार
वर्मा
ने
किरण
कुमारी
को
चेक
प्रदान
किया।
‘जाको राखे साइया मार सके न कोय’ कहावत चरितार्थ हुई। वह बालक अपनी मां की हाथ से फेंकाकर झांर में जा गिरा। 3 अक्तूबर
की
शाम
में
गांधी
मैदान
की
भगदड़
में
मां
की
मौत
हो
गयी।
उसके
पिता
पीएमसीएच
के
आकस्मिक
विभाग
के
आईसीयू
में
जीवन
और
मौत
से
जूझ
रहा
है।
इसके
बाद
लापरवाह
प्रशासन
सक्रिय
हुआ।
रामभक्तों
को
एम्बुलेंस
से
पीएमसीएच
पहुंचाने
और
किसी
हादसा
को
रोकने
में
मुस्तैद
हुआ।
परन्तु
मौके
वरदात
पर
गहन
रूप
से
पड़ताल
नहीं
की
गयी।
कारण
कि
यहां
पर
बमबाजी
न हुआ था। आदमी ही मर और घायल हो रहे थे। किसी ने यह पहल नहीं की कि चप्पे-चप्पे में जाकर तलाशी कर ली जाए। रातभर बालक झांर में लटककर भगवान से दुआ करते रहे। भगवान राम ने रक्षा की। 4 अक्तूबर
की
सुबह
आठ
बजे
किरण
कुमारी
को
बच्चे
की
रोने
की
आवाज
सुनायी
दी।
किरण
कुमारी
ने
बालक
को
गोद
में
संभालकर
बाइक
पर
बैठकर
दाउदबीघा
घर
चली
गयी।
किरण
कुमारी
बालक
को
झांर
से
उठाने
के
बाद
से
ही
सीने
से
सटाकर
रखी।
बालक
को
बुखार
हो
गया
था।
चिकित्सक
को
दिखाकर
दवा
प्राप्त
कर
ली।
इसके बाद कोतवाली थाना में बालक को ले गयी। तबतक यह जानकारी मिल गयी। बालक का नाम गोलू है। उसके परिवार वाले गोलू को ले गए। किरण कुमारी और उसके पति संजय कुमार कहते हैं। अगर कोई गोलू के बारे में पहलकदमी नहीं करते तो उसे गोद लेकर पालन पोषण करता। बहरहाल गोलू को घर मिल गया। मगर मां का प्यार नहीं मिलेगा।
इस बीच जिला प्रशासन ने मानव सेवा करने वाली किरण कुमारी को 25 हजार
रू.
देकर
सम्मानित
किया
है।
तबादला
होने
के
पूर्व
जिलाधिकारी
मनीष
कुमार
वर्मा
ने
किरण
कुमारी
को
चेक
प्रदान
किया।
आलोक कुमार
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