Tuesday 7 October 2014

अधीक्षक समेत आठ चिकित्सकों पर गिरा गाज

गांधी मैदान की भगदड़ में घायल लोगों की कुशलक्षेम जानने सीएम गए

पीएमसीएच की कुव्यवस्था देख भड़क गए



पटना। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा गांधी मैदान की भगदड़ में घायल लोगों की कुशलक्षेम जानने निकले थे। पीएमसीएच की कुव्यवस्था देख भड़क गए। अस्पताल के अधीक्षक को बुलाया गया। अधीक्षक महोदय नहीं आए। इसके बाद अस्पताल के अन्य वार्डों में जाकर भी जायजा लिए। यूनिट डॉक्टर और विभागाध्यक्षों से साक्षात्कार हो सका। इन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आदेश निर्गत किए। रातभर हाई वोल्टेज ड्रामा करने के बाद आखिरकार अधीक्षक समेत आठ चिकित्सकों पर गाज गिरा।

स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर के अनुसार पीएमसीएच के अधीक्षक लखीन्द्र प्रसाद को निलम्बित कर दिया गया है। फिलवक्त प्राचार्य एस.एन.सिन्हा को अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। निलम्बित अधीक्षक लखीन्द्र प्रसाद को मुजफ्फरपुर में जाकर क्षेत्रीय निदेशक के कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करवाना पड़ेगा। सर्जरी यूनिट के डा. उमाशंकर सिंह को दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, डा. विनोद कुमार को भागलपुर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, आर्थो यूनिट के डा. विजय कुमार को गया के मगध मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और यूरोलॉजी यूनिट के डा. अशोक कुमार को भी गया के मगध मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल तबादला कर दिया गया है। वहीं आर्थो के डा.विश्वेन्द्र कुमार, सर्जरी के डा.एबी सिंह और यूरोलॉजी के डा. अजीत कुमार को कारण बताओं नोटिस दिया गया है। इन तीनों विभागाध्यक्षकों से कारण पृच्छा किया गया है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा 30 दिनों का अल्टीमेटमः मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव आनंद किशोर को 30 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इस अवधि में पीएमसीएच में गुणात्मक सुधार लाएं। ऐसा नहीं होने पर चिकित्सक नपेंगे। वहीं सरकार का भी दायित्व बनता है कि संसाधन उपलब्ध कराएं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएं।चिकित्सकों के अलावे अन्य कर्मचारियों की शिकायत एवं अन्य मिलने वाले लाभ से लाभान्वित कराएं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बैठकः आई.एम..हॉल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और भासा की बैठक की गयी। इस बैठक में निलम्बित अधीक्षक लखीन्द्र प्रसाद भी शामिल थे। इस बैठक में शिरकत करने वालों ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से आग्रह किए हैं।सरकार और चिकित्सकों के बीच में तनाव पैदा करें। जनहित में पीएमसीएच के चिकित्सकों पर किए गए कार्रवाई को वापस कर लिया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाएगा। तो निकट भविष्य में बिल्कुल उल्टा प्रभाव पड़ेगा। तबादला होने वाले चिकित्सकों का कहना है कि हमलोगों के साथ अन्याय किया गया है। कड़ी मेहनत करके कार्य करते थे। सरकार के द्वारा सम्मानित करने के बदले अपमानित कर दिया गया है। कुछ चिकित्सकों का कहना था कि दवा घोटाला पर से पर्दा हटते देखकर सरकार ने कार्रवाही की है।


आलोक कुमार

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