Tuesday 7 October 2014

गांधी मैदान के अंदर महात्मा गांधी के प्रतिमा स्थापित करने को लेकर बवाल



पटना। अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल को लेकर बवाल होने लगा है। फिलवक्त एक प्रतिमा एक्जीविजन रोड के सामने है। द्वितीय संत जेवियर हाई स्कूल के पास है। मुख्य सचिव स्तरीय समिति एवं मंत्रिमंडल विभाग के द्वारा उपयोग एवं सुरक्षा को ध्यान में रखकर 40 फीट ऊंची महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा को मैदान के दक्षिण मध्य भाग में अवस्थित महात्मा गांधी प्रतिमा परिसर या फ्लैग पोस्ट के निकट अधिष्ठान करने हेतु स्थल का अनुमोदन किया गया था। 

इसको अनदेखा कर भवन निर्माण विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा स्थल अनुमोदन को अंगूठा दिखाकर उत्तर-पश्चिम छोर यानी संत जेवियर हाई स्कूल के गेट के सामने 40 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा अधिष्ठानपन कर दिया। इस संदर्भ में समाजसेवी श्याम किशोर शर्मा का कहना है कि लोक उपयोगी मैदान बेहतर उपयोग एवं मंच की सुरक्षा के साथ ज़द्यन्य खिलवाड़ किया गया है। मैदान में एक ही महापुरूष की दो मूर्ति के अधिष्ठापन का औचित्व भी क्या था? कालान्तर में इस नियम को ताख पर रखकर भवन निर्माण विभाग के द्वारा अपने निजी स्वार्थ के चलते मूर्ति को अधिष्ठापन होता गया तो मैदान की उपयोगी एवं सुरक्षा समाप्त हो जाएगी। 

जन सुनवाई में पेश किया स्मार पत्रः समाजसेवी श्याम किशोर शर्मा ने पटना समाहरणालय में आयोजित जन सुनवाई के दौरान 7 अक्तूबर 2914 को गृह सचिव आमिर सुबाहनी और एडीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को स्मार पत्र पेश किया है। इसमें सवाल उठाते हुए कहा कि आखिरकार मुख्य सचिव स्तरीय समिति एवं मंत्रिमंडल विभाग के द्वारा स्थल अनुमोदन करने के बाद भी भिन्न स्थल पर मूर्ति अधिष्ठापन करने वाले दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई करें। ताकि भविष्य में ऐसे लोग उपयोगी स्थल का अतिक्रमण कर स्थल की उपयोगिता समाप्त नहीं कर सके। अगर सरकार के नियम का पालन यदि भवन निर्माण विभाग के द्वारा किया गया होता तो ऐसे ह्नदय विदारक घटना नहीं हो पाती। मूर्ति अन्य स्थल पर बनने से गांधी मैदान की तीन गेट की उपयोगिता समाप्त हो गयी है। फलस्वरूप अन्य गेट पर इसका भारी दबाव पड़ा है। भविष्य में इस तरह का हादसा न हो। इसकी सुनिश्चित व्यवस्था करनी चाहिए। अभी गांधी मैदान के 2 एकड़ रकवा का हन्न हुआ है।

आलोक कुमार

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