आवाजाही करने वाले यात्रियों की परेशानियों में विराम लगा
गया से रोज शाम 6 बजे पटना
आने वाली 63254] पटना से ही 63255 बन कर
गया के लिए खुलेगी
गया।
आखिरकार रेलवे अधिकारी झुक गया आसमान की तरह झुक गए। अपने पूर्ववत फैसले में
परिवर्तन कर लिया है।अब गया और बक्सर के सम्मान रैक नहीं रहेगा।इस ओर अधिकारियों
के द्वारा दृष्टि में बदलाव कर लेने से यात्रियों में हर्ष व्याप्त है।अब गया-पटना
रेलखंड पर ही पैसेंजर गाड़ी अप-डाउन करती रहेगी। पूर्ववत नहीं व्यवस्था कर देने से
आवाजाही करने वाले यात्रियों की परेशानियों में विराम लग गया है।
बताते
चले कि दानापुर मंडल के द्वारा पैसेंजर गाड़ी के परिचालन में बदलाव कर दिया गया था।
ऐसा कर देने से गया-पटना रेलखंड पर आवाजाही करने वाले यात्री परेशान हो गए थे। गया
से रोज शाम 6 बजे पटना आने वाली पैसेंजर गाड़ी 63254 को पटना से 63255
बनाकर बक्सर भेज दी जाती थी। बक्सर से शाम 6.10 में पटना आने वाली 63220 पैसेंजर को 63221 बनाकर गया भेज दी जाती थी। एक ही रैक पर पटना-बक्सर परिचालन
किया जाता था। गाड़ी पकड़ने में विलम्ब होने से यात्री हैरान हो जाते थे।
इसके
आलोक में पटना-गया रूट से सफर करने वाले यात्रियों ने पटना जंक्शन पर हंगामा करने
लगे। पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों में गुस्सा उतारने लगे। काफी तोड़़फोड़ की गयी।
यहां तक रेलवे ट्रैक पर आकर सत्याग्रह भी करने लगे। आक्रोश शांत करने में लगे
अधिकारियों की विफलता के कारण उग्र होकर लोगों ने ट्रेन में आग भी लगा दिए। इतना
होने पर रेलवे के कार्य में लोकल अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर दिया। तब जाकर बवाल
शांत हुआ।
प्राप्त
नवीनतम जानकारी के अनुसार पटना जंक्शन पर इधर कई दिनों से हो रहे हंगामे के
मद्देनजर रेलवे ने गया और बक्सर जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में बदलाव
किया है। नई व्यवस्था में गया और बक्सर के लिए खुलने वाली ट्रेनों का रैक अलग-अलग
कर दिया है। अब गया से रोज शाम 6 बजे पटना आने वाली 63254 बक्सर जाने के बजाए पटना से ही 63255 बन कर गया के लिए खुलेगी। साथ ही बक्सर
से शा 6.10 में पटना आने वाली 63220 पैसेंजर पटना से 63221 बन कर बक्सर जाएगी।ये व्यवस्था लागू हो गयी। इसका असर यह हुआ कि
कोई हंगामा नहीं और गया जाने वाली पैसेंजर ट्रेन समय से रवाना हुई। हालांकि किसी
तरह की गड़बड़ी से निपटने के लिए 10 नंबर प्लेटफॉर्म और आसपास के प्लेटफॉमों पर बड़ी संख्या में
पुलिस की तैनाती की गयी थी। जीआरपी थानेदार संजय कुमार पाण्डेयके अलावा कई वरीय
अधिकारी भी पूरे मामले पर नजर रख रहे थे।
आलोक
कुमार
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