Tuesday 25 November 2014

खामोश! सरकार सो रही है?

  
बिहार राज्य कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संघ के बैनर तले
9 वें दिन भी 24 द्यंटे का जत्थेवार अनशन जारी

बिहार ग्रेड नर्सेंस एसोसिएशन एवं बिहार अनुबंध परिचारिका संद्य के बैनर तले
6 दिनों से हड़ताल जारी

पटना। इस समय बिहार सरकार और नौकरशाह सो रहे हैं। अगर जागे रहते तो आर. ब्लॉक चौहारे के बगल में बिहार राज्य कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संघ के बैनर तले 9 वें दिन भी 24 द्यंटे का जत्थेवार अनशन और पीएमसीएच परिसर में छह दिनों से जारी हड़ताल को समाप्त करवाने के लिए पहल की जाती। दोनों जगहों में लक्ष्मीबाई वीरांगना की तरह महिलाएं हक की लड़ाई में रम गयी हैं।अब वक्त आ गया है कि आम नागरिक जागकर हक की लड़ाई लड़ने वाली वीरागंना को साथ दें।जागो बिहार.....जागो पटना....। 

बिहार राज्य कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संघ के बैनर तले 9 वें दिन भी 24 द्यंटे का जत्थेवार अनशन जारी है। आज आर.ब्लॉक चौहारे के पास 24 घंटे का जत्थेवार अनशन करने वाली प्रमिला सिन्हा, सुषमा सिन्हा,सविता देवी,ललिया देवी,लालपरी देवी,संगीता कुमारी,ममता कुमारी, पनमा देवी,इन्दु देवी और मनोज कुमारी हैं। इन 10 अनशनकारी महिलाओं में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की साली लालपरी देवी प्रमुख हैं।

चार सदस्यीय चयन समिति के द्वारा 27 सितम्बर 2007 को 148 महिलाकर्मियों का चयन किया गया। इनको विभिन्न प्रखंडों में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पदस्थापित किया गया। 4 साल 3 माह कार्य करने वाली 148 महिलाकर्मियों को 4 जनवरी 2013 को अवैध बहाली के नाम पर नियोजन रद्द कर दिया गया। तब से बेहाल महिलाकर्मी न्याय की तलाश में भटकने लगीं। जनतंत्र के चारों प्रहरियों के द्वार पर दस्तक देने लगे। कार्यपालिका, विधायिका,न्यायपालिका, और मीडिया के समक्ष पहुंच गए। फिलवक्त कामयाबी हासिल नहीं हो सका है।महासंद्य गोप गुट से संबंधित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संद्य के जिला शाखा गया ने पटना उच्च न्यायालय में जनहित दाखिला दायर किया है। वाद संख्या सी.डब्ल्यू.जे.सी. 5517/2014 है।

इस संदर्भ में संद्य की संयोजिका योगिता टैगोर ने कहा कि हमलोग गांधीवादी राह पर अग्रसर हैं। गांधी जी की पत्नी कस्तूरबा गांधी के नाम पर 24 घंटे कार्य करते हैं। अब 24 घंटे जत्थेवार अनशन कर रहे हैं। बिहार सरकार और उनके नौकरशाह संवेदनहीन हो गए हैं। वहीं बाल-बच्चों के साथ नौकरशाह मस्त हैं। हमलोग दिन में धूप से और रात में ठंड से त्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के लोग खुद ही गलती करते हैं।उसका खामियाजा महिलाकर्मी और उनके बाल-बच्चा भुगत रहे हैं।हमलोगों का वर्तमान और भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।इस पर सविता देवी कहती हैं कि 148 महिलाकर्मियों को 4 जनवरी 2013 को नियोजन रद्द कर दिया गया।मगर हम महिलाकर्मियों को बाजाप्ता कार्यालय से कागजात नहीं दिया गया है।हमलोग काम करते रहे हैं। साल 2013 दिसम्बर तक मानदेय भुगतान किया गया। अप्रैल माह में मानदेय में वृद्धि किया गया था। उसका भुगतान नहीं किया गया। इधर जनवरी 2014 से मानदेय अवरूद्ध कर दिया गया है। अब 24 द्यंटे के जत्थेवार अनशन करने वाले बेमियादी अनशन करने के मूड में आ गए हैं।


पी.एम.सी.एच.में 6 दिनों से हड़तालः बिहार ग्रेड नर्सेंस एसोसिएशन एवं बिहार अनुबंध परिचारिका संद्य के बैनर तले संविदा में बहाल श्रेणी के नर्सेंस 12 सितम्बर 2014 से हड़ताल पर चली गयी थीं। स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने आश्वासन दिया। सभी 5758 नर्सेंस का कागजात जांच करने के बाद नौकरी स्थायी कर दी जाएगी। वादा तोड़कर राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा ले ली। इसमें नर्सेंस फेल हो गयी। सभी फेल नर्सेंस को भी नौकरी में स्थायीकरण की मांग को लेकर 20 नवम्बर से हड़ताल पर चली गयी। आज छठा दिन है। हड़ताली नर्सेंस ने पीएमसीएच से मुंह पर काली पट्टी बांधकर कारगिल चौक आयीं। इसके बाद कैडिंल लाइट किए। कारगिल चौक पर हड़ताली नर्सेंस का कहना है कि हमलोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। बाहर से आकर कार्य करने वाली नर्सेस को स्थायी कर दिया जा रहा है। वहीं पीएमसीएच में कार्यरत नर्सेंस को स्थायी करने की दिशा में हाथ खींच लिया जा रहा है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह कहते हैं कि कार्रवाई जारी है। कार्रवाई करने के बाद ही जानकारी देंगे।बहरहाल आर. ब्लॉक चौहारे के बगल में और पीएमसीएच परिसर में महिलाओं के द्वारा आंदोलन जारी हैं। फूल नहीं चिंगारी हैं हम भारत की नारी हैं। नारा बुलंद को साकार करने में तुले हुए हैं।
आलोक कुमार

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