Friday 26 December 2014

माननीय पटना उच्च न्यायालय ने 2 माह का समय जिलाधिकारी को दिया


अब लाडली बरिसा रहमान के अब्बा को करना पड़ेगा फरवरी 2015 तक इंतजार

पटना। अपने ही जाल में उलझकर रह गए हैं पटना जिले के जिलाधकारी अभय कुमार सिंह। बहुत ही उस्तादी से माननीय पटना उच्च न्यायालय के पारित 1991 को अमल करवाने में लग गए थे। 1585 डीडीटी छिड़काव कर्मचारी को छोड़ दिए थे। जो ऐतिहासिक कारगिल चौक के पास 10 नवम्बर 2014 से भूख हड़ताल करने को बाध्य हैं।

माननीय पटना उच्च न्यायालय के द्वारा आदेश पारित कर जिलाधिकारी और मुख्य मलेरिया पदाधिकारी को अधिकृत किया है। अभी तक नौकरशाहों के द्वारा कदम नहीं उठाया गया। इससे आक्रोशित होकर 10 नवम्बर से बिहार मौसमी डीडीटी छिड़काव कर्मचारी यूनियन ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

पटना जिले के बख्त्यिारपुर प्रखंड के पुरवारी टोला के जलीलूर रहमान भी शामिल हैं। एक दिन जलीलूर रहमान की लाडली बेटी बरिसा रहमान भी आंदोलन स्थल पर आयी थीं। तब लाडली बेटी बरिसा रहमान ने डी.एम.अंकल से अपील की थीं कि अब्बा और उनके सहकर्मी की मांग मान लें। इस ठंडक मौसम में परेशान हैं। अब्बा घर में नहीं रहते हैं। अम्मी के साथ बच्चे भी बेहाल हो उठते हैं। प्लीज,प्लीज अंकल, डू सबथिंग फोर..........। मगर अंकल ने भतीजी की मांग नहीं पूर्ण की। क्रिसमस के अवसर पर सांता क्लॉस भी नहीं बने। अब माननीय पटना उच्च न्यायालय ने अभय कुमार सिंह,जिलाधिकारी,पटना को 2 माह का समय दिया है कि हरहाल में फरवरी 2015 तक डीडीटी छिड़काव कर्मियों को किसी विभाग में समायोजन कर दें।

विद्वान एएजी नाइन एस.राजा पटना उच्च न्यायालय में जिलाधिकारी और सिविल सर्जन की ओर से न्यायालय में उपस्थित हुए। जिलाधिकारी को शोकॉस दिया गया है। बिना किसी तरह की संशोधन के सिविल सर्जन की सूची को अंतिम रूप देकर कर्मियों को विभागों में समायोजित कर दें।


आलोक कुमार

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