प्रत्येक
दिन विकलांगों की संख्या बढ़ती जाएगी
अनशन का
द्वितीय दिन

जुलूस के
बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मिलकर 21 सूत्री मांग पत्र पेश करना चाह रहे थे। आर.ब्लॉक के पास तीन घंटे तक रोका
गया। इसके कारण जमकर जाम हो गया। तब प्रशासन जोर जर्बस्ती करने पर उतारू हो गया। एक
गेट खोलने को उत्साही पुलिसकर्मियों ने विकलांग की गाड़ी उठाउठा फेंकना शुरू हो
गया। दहशत पूर्ण माहौल बना दिया। इस माहौल को ठंडा करने का प्रयास किया गया। एक
गेट की ओर विकलांग आ गए।
विश्व
विकलांग दिवस 3 दिसम्बर को उपवास करना थाः बिहार
विकलांग अधिकार मंच के विशेष सचिव अन्तरराष्ट्रीय विकलांग खिलाड़ी अनुराग चन्द्रा
ने कहा कि हमलोग 3 दिसम्बर को 21 सूत्री मांग पर उपवास करने वाले थे। 12 बजे तक समय दिया गया था कि हमलोगों की मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार
किया जाए। मगर विकलांगों को नौकरशाहों ने एक बार भी उपेक्षित छोड़ दिया। कोई भी आकर
कारगिल चौक पर बातचीत नहीं किए।
उपेक्षा
के विरूद्ध अनशन करने को मजबूरः नौकरशाहों को 3 घंटे तक इंतजार करते रहे। इसके बाद दोपहर 3 बजे से 3 विकलांगों ने अनशन शुरू कर दिया
गया। इंटरनेशनल विकलांग महामंच के अध्यक्ष एवं राजस्थान निवासी राजेन्द्र
ढिंढारिया, बिहार विकलांग अधिकार मंच के राज्य
सचिव राकेश कुमार, वरिष्ठ सदस्य अभिनाश कुमार नागा अनशन
कर रहे हैं। प्रत्येक दिन 1 अनशनकर्ता की
संख्या में वृद्धि होगी। आज रामाशीष पासवान जुड़ गए।
21 सूत्री
मांग पत्र में विकलांगों के हित में कदम उठाने का आग्रह किया गयाः राज्य सभा,
लोक सभा,विधान सभा,
एवं विधान परिषद में विकलांगों के लिए सीट आरक्षित किया
जाए एवं साथ ही साथ पंचायत एवं वाडों के चुनाव में भी आरक्षण किया जाय।
पीडब्ल्यूडी 1995 के संशोधन कानून विकलांग अधिकार
अधिनियम, लोक सभा से अविलम्ब पारित कर देश स्तर पर
उसे लागू किया जाय। देश स्तर पर पर राष्ट्रीय विकलांग आयोग एवं राज्यों में राज्य
विकलांग आयोग स्वतंत्र प्रभार के रूप में अविलम्ब गठन किया जाए। दिल्ली एवं अन्य
राज्यों के आधार पर सभी राज्यों में विकलांग मंत्रालय एवं विभाग गठन किया जाए। देश
के सभी रेलवे स्टेशनों पर विकलांग बोगी के सामने डिस्पेल बोर्ड लगाया जाए तथा
प्लेटफार्म के बीच में ही विकलांग डब्बा लगाया जाए। देश एवं राज्य स्तर पर
विकलांगों के लिए चलाई जाने वाली योजनाएं रेडियों, अखबार,टी.वी, आदि में उसकी पात्रता के साथ प्रस्तावित एवं प्रकाशित निरन्तर किया
जाए।
आलोक
कुमार
No comments:
Post a Comment