Saturday 10 January 2015

सर्प दंश से ग्रसित विक्की तीन साल के बाद जीर्वित घर लौटा

घर और पड़ोस में हर्ष का माहौल व्याप्त
कटिहार। ओझाओं के द्वारा सर्प दंश से ग्रसित वंदे को झारफूंक करके जहर निकाला जाता है। जब गुनी ओझाओं के द्वारा अंतर-मंतर करके थक जाते हैं। तब जाकर परामर्श देते हैं। घर के किसी दुश्मन के द्वारा कमाल किया गया है। यह जान लें कि प्रेषित सर्प को मात नहीं दिया जा सकता है। और तो और आसानी से ग्रसित जहर को निकलने भी नहीं देता है। एक ही उपाय है कि सर्प से ग्रसित वंदे को केले के पेड़ से बांधकर नदी में बहा दें।
ओझाओं के कथनानुसार विक्की के परिजनों ने भी किया। उसे सर्प दंश लिया था। काफी झारफूंक करके बाद भी जीर्वित नहीं हुआ। तब परिजनों ने बाजू में जाकर केले के पेड़ ले आए। सांसारिक मोहभंग कर विक्की को पेड़ में बांधा गया। दुःखीमन से विक्की को नदी में बहा दिए। साथ में यह विश्वास भी व्यक्त किए कि उसके पुत्र जीर्वित होकर घर लौटेगा? विज्ञान को मानने वाले कहते हैं कि वंदे के शरीर से निकला प्राण वापस नहीं आ पाता है। यह केवल कुशल चिकित्सक और उसकी मशीन कर सकते हैं। वह भी घंटों के अंदर ही कर सकते हैं। केले के पेड़ से बांधकर नहीं में बहाना अंधविश्वास है। ऐसा करने वाले  यकीनन अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं।
जब तीन साल के बाद विक्की जीर्वित घर लौटाः ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना.....। इसी तरह की गीत विक्की के परिवार वाले गुनगुनाते रहे। एक दिन सच साबित हो गया। सर्प दंश से ग्रसित विक्की घर लौट आया। ऐसा हो जाने से रचित कहावर्त भी चरितार्थ हो गया। जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। आजकल के राजनीतिज्ञों के द्वारा घर वापसी करवाने की राजनीति नहीं,मगर श्रवण ऋषि के पड़ोसी विक्की के घर वापसी को लेकर हर्ष का माहौल व्याप्त है।
क्या करना चाहिए सर्प दंश वाले व्यक्ति कोः जब किसी व्यक्ति को सर्प दंश लेता है। सामने आ जाने वाली मौत से व्यक्ति घबड़ा जाते हैं। हार्ट अटैक हो जाता है। यह देखना चाहिए कि जहां पर सर्प ने दांत गढ़ा दिया है। उसके ऊपर कस से रस्सी से बांध देना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में सर्प विष का प्रसार नहीं होगा। सर्प दंश वाले स्थान पर चाकू से काट देना चाहिए ताकि शरीर से जहर निकल जाए। अगर ऐसा नहीं हो पाता है कि मुंह से दांत गढ़ाए वाले स्थान पर से खून चूसकर निकालकर थूक देना चाहिए। किसी भी हाल में चूसे गए खून शरीर के अंदर नहीं जाए। इस तरह के प्राथमिक उपचार करने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र, अनुमंडल अस्पताल आदि जगहों पर ले जाना चाहिए।
आलोक कुमार

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