यूपीए एक
के कार्यकाल में 2007 में जनादेश 2007 सत्याग्रह पदयात्रा और यूपीए दो के कार्यकाल में 2012 में जन सत्याग्रह 2012 सत्याग्रह पदयात्रा आयोजित की गयी। जल,जंगल और जमीन के आंदोलन चलाने वाले गांधीवादी विचारक पी.व्ही.राजगोपाल के
नेतृत्व में 2007 में 25 हजार की संख्या में वंचित समुदाय ग्वालियर से दिल्ली तक पदयात्रा किए।
इनके नेतृत्व में 2012 में 50 हजार की संख्या में वंचित समुदाय ग्वालियर से आगरा तक गए। केन्द्रीय
ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद ने 2007 में और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने 2012 में पदयात्रियों को आश्वासन दिए कि राष्ट्रीय भूमि सुधार
नीति बना दी जाएगी। दोनों मंत्रियों ने आश्वासनों को पूर्ण नहीं कर सके। एक बार
फिर गांधीवादी विचारक पी.व्ही.राजगोपाल जी के नेतृत्व में भूमि अधिकार चेतावनी
सत्याग्रह 2015 की शुरूआत की गयी है। इसमें सामाजिक
कार्यकर्ता अन्ना हजारे का सहयोग मिलने से आंदोलन में गति प्राप्त हो गया है। यह
अनुमान लगाया जा रहा है कि केन्द्रीय सरकार भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2014 कानून को रद्द कर देगी। अगर कानून ही लाना ही है कि सभी
लोगों को विश्वास में कानून लाया जाए तो जन हितैषी वाला हो।
किसानों
के भविष्य को लेकर अन्ना चितिंत
और हजारों
की संख्या में दिल्ली की ओर रूख किए
पलवल।
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रन सिंह परमार के मुताबिक, पदयात्रा के माध्यम से मांग की जाएगी कि देश के सभी आवासहीन परिवारों को
आवासीय भूमि का अधिकार देने के लिए राष्ट्रीय आवासीय भूमि अधिकार गारंटी कानून
घोषित कर उसको समयसीमा के अंतर्गत लागू करें। देश के सभी भूमिहीन परिवारों को खेती
के लिए भूमि अधिकार के आबंटन के लिए राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति घोषित कर लागू
करें। वन अधिकार मान्यता अधिनियम 2006 व पंचायत
विस्तार विशेष उपबंध अधिनियम 1996 के प्रभावी
क्रियान्वयन हेतु विशेष कार्यबल का गठन करें। किसानों के हितों को ध्यान में रखते
हुए भूमि अधिग्रहण कानून के संशोधन अध्यादेश 2014 को रद्द करें।
आज सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भूमि अधिकार चेतावनी सत्याग्रह को हरी झंडी दिखा रवाना किया। विभिन्न प्रदेशों से तीन हजार की संख्या में सत्याग्रही भाग ले रहे हैं। महिलाओं की संख्या अधिक है। हरियाणा प्रदेश के पलवल में लोग जमा हुए। इसके बाद पांव-पांव चलना शुरू किए। यहां से दिल्ली जाएंगे। दिल्ली के जंतर-मंतर पर 23 और 24 फरवरी को धरना दिया जाएगा। इसमें अन्ना हजारे भाग लेंगे। उन्होंने राजनीतिज्ञों से आग्रह किया है कि आप धरना में बैठ सकते हैं। मगर सभा मंच पर नहीं आ सकते हैं। कांग्रेस और ‘आप’ का सहयोग मिल रहा है।
आलोक
कुमार
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