झारखंड। रांची से सुनीता और सुमित्रा, लोहरदगा से सुखमनी और सावित्री, गुमला से सुबासी और बुधिया के साथ लातेहार से और चतरा से भी
लोग आए। सभी लोगों के आने के बाद कारवां बन गया। हम चंद लोग ही साथ-साथ चले एक साथ
बढ़े,एक विश्वास, एक साथ ,अब न हो कोई भेदभाव,आधी आबादी, आधा आसमान ,महिला- पुरुष जब साथ- साथ ,तब हो एक बात एक इतिहास पुनरावृत्ति बार बार ........वक्त ने सिखाया महिला
तुम महिला हो और पूरी हो .........शांति, न्याय, सम्मान,, विकास, सद्भावना
!
गत 8 मार्च को हमने विश्व महिला दिवस के
शुभ अवसर पर एक दिवसीय सत्याग्रह पर राजभवन के निकट बैठी थीं और. राज्य सरकार को
महिला हिंसा के विरुद्ध महिलायों की ओर से राज्यपाल को साथियों ने मांग पत्र
सौंपा।
हम लोगों की प्रमुख मांगे:-
राज्य में महिलाओं के साथ हो रहे हिंसा पर रोक लगे।
राज्य में सीडो के प्रावधानों को पूरी तरह लागू किया जाए ।
राज्य की बालिकाओं ,किशोर- किशोरियों एवं महिलाओं (मानव व्यापार ) को रोजगार की तलाश में या
गुमराह कर विभिन्न कारणों से अन्य राज्यों में भेजी गई है उन्हें राज्य सरकार एक
वर्ष में वापस लाए साथ ही ससम्मान पुनर्वास करें।
डायन हत्या ,घरेलू हिंसा, दहेज
प्रथा ,हत्या, बलात्कार आदि पर त्वरित रोक लगे।
राज्य सरकार कन्यादान योजना का नाम में संशोधन करें।
राज्य के हर नियुक्ति में 50 प्रतिशत महिलाओं को स्थान मिले राज्य में महिलाओं के प्रति सम्मानजनक
एवं भयमुक्त वातावरण का निर्माण हो ।
सेवा प्रदाता की नियुक्ति अविलम्ब हो ।
राज्य में महिलाओं को सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित किया जाए।
राज्य में संसाधनो पर महिलाओं का स्वामित्व सुनिश्चित किया
जाए और रोजगार के
अवसर उपलब्ध कराया जाए ।
महिलाओं पर होने वाले राजनैतिक हिंसा और राज्य हिंसा पर रोक
लगाई जाए ।
राज्य की ऐतिहासिक महिलाओंके ऊपर शोध कार्य हो एवं उनके नाम
पर शिक्षण संस्थान बनें ।
राज्य महिला नीति पर विशेष चर्चा हो ।
आयोजक
सुनीता
राष्ट्रीय महिला गरिमा अभियान ,झारखण्ड
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