Sunday 12 April 2015

‘तीन हजार में दम नहीं, तीस हजार से कम नहीं’


पटना। सूबे में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। यहां पर आने वाले बच्चों को सेविका पढ़ाती हैं और सहायिका बच्चों को पोषाहार भोजन बनाकर खिलाती हैं। यहां पर शिक्षा और चिकित्सा की व्यवस्था की जाती है। नियमित ढंग से बच्चों का वजन लिया जाता है। बच्चों को टीका भी लगाया जाता है। कुल मिलाकर बच्चों का ग्रोथ पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।
आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यरत सेविका को तीन हजार और सेविका को डेढ़ हजार रू.मानदेय के रूप में मिलता है। काफी दिनों से मानदेय में बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। मगर केन्द्र और राज्य सरकार ने मानदेय में बढ़ोतरी नहीं करने का मन बनाकर रख लिया है। केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने लोकसभा में स्पष्ट रूप से कहा है कि आंगनबाड़ी केन्द्र में कार्यरत लोगों का मानदेय में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव नहीं है। अगर राज्य सरकार चाहे तो मानदेय में बढ़ोतरी कर सकती है।

सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मानदेय में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी केन्द्र से सेविका और सहायिका निकलकर रोड पर आ गयी। आंगन से सेविका और बाड़ी से सहायिका निकलकर राजधानी में नारा बुलंद करने लगी। तीन हजार में दम नहीं,तीस हजार से कम नहीं। मगर इन नारों का प्रभाव सुशासन बाबू पर नहीं पड़ा।


आलोक कुमार

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