संविदा में ही रहेंगे और 60 साल साथ-साथ चलते रहेंगे
ऐसी व्यवस्था कर देंगे कि कोई नौकरी से निकाल नहीं सकेगा
पटना।बखूबी
विपक्षी दलों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पस्त कर दिए।पूर्व मुख्यमंत्री जीतन
राम मांझी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के समक्ष कदम बढ़ाने वाले
विकास मित्रों को बैंकफुट पर आने को मजबूर कर दिए।जब कुर्सी पर जीतन राम मांझी थे
तब विकास मित्रों का मानदेय में ही बढ़ोतरी कर देते थे। नौकरी स्थायी करने की दिशा
में मूकदर्शक बन जाते थे। इसके आलोक में विकास मित्र उप मुख्यमंत्री और उनके दलों
के नेताओं के पास जाकर स्थायीकरण करने की मांग करते।
मुख्यमंत्री
ने महादलित विकास मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ऐलान कर दिया कि अब आप 60 साल
तक रहेंगे। इसकी चिंता मत करें। मंहगाई बढ़ती है तब आपका मानदेय भी बढ़ता ही चले
जाएगा। 6 हजार में 1 हजार रूपए का बढ़ोतरी करके मानदेय 7 हजार रूपए कर दिया गया है।
ऐसा उपाय करके जाएंगे कि आने वाले कोई नौकरी से हटा न सके और न ही मानदेय में कमी
कर सके। मौके पर श्याम रजक,श्रवण कुमार और रमई राम ने भी संबोधित किया। बिहार सरकार के
अधिकारी एसएम राजू ने विस्तार से विकास मित्रों के कर्त्तव्य और अधिकारों के बारे
में जानकारी दिए। इस तरह सत्तासीन समय में
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी चहेते बने विकास मित्र को अपने खेमे में ले आने
में सफल हो गए। अब तो 60 साल तक कार्य करते रहना है। मानदेय भी बढ़ता ही रहेगा।
विकास
मित्र सुधीर कुमार मांझी ने कहा कि महादलित विकास मिशन के द्वारा 2010 में विकास
मित्रों की बहाली शुरू की गयी। उस समय विकास मित्रों को 3 हजार रू.मानदेय दिया
जाता था। मिशन के द्वारा 9875 विकास मित्र बहाल करना है। अभी बिहार में 9464 विकास
मित्र हैं। इसमें 50 प्रतिशत महिला विकास मित्र हैं। श्री मांझी ने कहा कि हमलोग
सर्वें का कार्य करते हैं। बीपीएल,आवास,पेयजल आदि का सर्वें करते हैं। सामुदायिक भवन सह क्रेश शेड
निर्माण में अभिकर्ता बनते हैं। दशरथ कौशल विकास योजना की जानकारी देना और
महादलितों का नामांकन करवाने में सहयोग देते हैं। गांवघर और परिवार वालों को
शौचालय निर्माण करवाने को प्रोत्साहित करते हैं। इसके बारे में लोगों को जानकारी
देते हैं। टोला में बैठक कर विकास और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हैं।
सनद रहे
कि महादलित विकास मिशन के द्वारा सबसे पहले महादलित मुसहर समुदाय के ही लोगों को
विकास मित्र बनाया गया है। इस समय पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी विपक्षी
भूमिका में हैं। श्री मांझी ने ‘हम’ संगठन के द्वारा 20 अप्रैल को गरीब स्वाभिमान रैली शंखनाद कर
रखी है। पूर्व मुख्यमंत्री महादलितों पर ही आसरा लगा बैठे हैं। ऐलान भी कर रखेंगे
है कि अगर ऐतिहासिक गांधी मैदान में 5 लाख लोगों की संख्या नहीं होगी तब जाकर
राजनीति से संयास ले लेंगे? अब देखना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा लॉलीपॉप
देने के बाद विकास मित्र किस डगर पर अग्रसर हो रहे हैं?
आलोक
कुमार
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