Tuesday 14 April 2015

आखिर कबतक दवा फेंकने वाले प्रकरण पर से पर्दा उठेगा ?


पटना। कहां से तू लाया और किधर फेंक कर तू चला गया। इसका अभी तक उद्भेदन नहीं हो सका है? आखिर वह बंदा कौन है? घोर अंधेरे में आते हैं और चुपके से सुनसान जगहों पर जानलेवा बीमारियों से रक्षण करने वाली दवाईयों को फेंककर निकल जाते हैं। अभी तक दवाई फेंकना पहेली ही बंद करके रह गया है। 
सबसे पहले दवाई फेंकने की खबर पटना जिले के धनरूआ प्रखंड से आयी।कोई चुपके से आकर नदवां पंचायत के एक कॉलेज परिसर के बगल में जानलेवा बीमारियों से रक्षण करने वाली दवाईयों को फेंककर चले गए।जब उदयीमान भगवान भास्कर अंधेरे को चिरकर विराजमान हुए तो दिन के उजाले में तहलका मच गया।शक की सूई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,धनरूआ के उप स्वास्थ्य केन्द्र,नदवां के ए.एन.एम. पर चला गया।एकतरफा चर्चा होने लगी कि ए.एन.एम. ने गरीबों के बीच में दवा वितरण न करके दवा को कॉलेज परिसर के बगल में थ्रो कर दी हैं। भगवान को धन्यवाद कि बिना सोचे समझे अधिकारियों ने ए.एन.एम.को निलम्बित नहीं किए। पर ए.एन.एम.के पास लगातार टेलिफोन गनगनाने लगे। यह तुने क्या कर दिया? संपूर्ण मसले से अनभिज्ञ ए.एन.एम.दिनभर हलकान और परेशान रही। आरोपी की तरह यह सवाल पूछा जा रहा कि क्या आपने कर दिया? हां, इस बाबत किसी तरह की जानकारी ए.एन.एम.को नहीं थी। 
लगे हाथ यहां के लोकल लोगों ने असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,पटना को समुचित जानकारी दे डालें। दवाई फेंकने प्रकरण को तब राजधानी में बैठे सिविल सर्जन ने समुचित जांच करवाने का आदेश निर्गत कर दिया। अभी जांच जारी है। इस बीच अज्ञात लोगों ने कम से कम चार बार दवाई फेंक कर चलते बने। यहां पर जो दवा फेंकी गयी थी। वह किसी सरकारी अस्पतालों और केन्द्रों में वितरित करने वाली दवाई है।दवाखाने में बिक्री करने वाली भी दवा शामिल है। कुछ दवाईयों की सेवन अवधि समाप्त हो गयी थी। कुछ की सेवन अवधि 2016 में समाप्ति होनी थी। चिकित्सकों को मिलने वाली नमूना दवाई भी थी। 
अभी दवा फेंकने वाले प्रकरण पर से पर्दा उठा ही नहीं था कि गया जिले के फल्गू नदी के किनारे दवाई फेंक देने से सनसनी फैल गयी। लगभग पटना जिले की तरह ही दवाई को फेंक दी गयी थी। यहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्र की दूरी होने के कारण किसी ए.एन.एम.पर गाज नहीं गिरी। इस पर सिविल सर्जन अरविंद कुमार ने जांच करने का आदेश दे दिया है। अब देखना है कि पटना और गया जिले में फेंकी गयी दवाईयों पर से कबतक पर्दा उठ पा रहा है।एक ही लोग पटना और गया में दवाई फेंक रहे हैं। 
आलोक कुमार

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