Friday 3 July 2015

हर सुविधाओं को भोगने वाले ‘माननीय’ मांगे मोर

टी.एम.सी.के सांसद
संयुक्त समिति ने सांसदों की सैलरी 100 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की

साक्षरता प्रेरक को एक दिन में 66.60 पैसे ही मजदूरी के रूप में दी जाती

गया। संसदीय समिति ने माननीयों के वेतन, भत्ते व सुविधाओं में वृद्धि करने की सिफारिश की है। समिति के अध्यक्ष आदित्यनाथ ने 65 तरह की सिफारिशे की है। इसमें 18 नामंजूर,15 मंजूर,3 अगले समय में और 4 को अनावश्यक करार दिया गया है। 2010 में माननीयसदस्यों की सैलरी में बढ़ोतरी कर 50 हजार रू. कर दी गयी थी। ऑटोमैटिक पे-रिवीजन सिस्टम के तहत बढ़ाया जाना चाहिए। इसके आलोक में सरकार ने संसदीय समिति की गठन की थी। मंहगाई के इस दौर को देखते हुए संसद की संयुक्त समिति ने सांसदों की सैलरी 100 फीसदी बढ़ाने की सिफारिश की है। वर्तमान पेंशन 20 हजार रू.में 75 फीसदी इजाफे के लिए कहा गया है।

सांसदों की मौजूदा सैलरी 50 हजार रूपए महीना है। संसद सत्र के दौरान रोजाना 2000 रू.भत्ता भी मिलता है। परिवार के साथ 1 एसी में सफर की सुविधा है। 50 हजार यूनिट मुफ्त बिजली। 3 टेलीफोन और 2 मोबाइल के कनेक्शन। 3 जी मॉडम भी। दिल्ली में आलिशान भवन। 75 हजार रू.का फर्नीचर। केन्द्र सरकार के 1 गेड ऑफिसर की तरह स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध। 34 बार हवाई सफर। 50 हजार फोन कॉल मुफ्त।चुनाव क्षेत्र भत्ता 40 हजार रू. प्रतिमाह,दफ्तर र्खच 40 हजार रू.प्रतिमाह। सब्सिडी में सांसदों को कैंटीन से 51 रू.में बिरयानी। 20 रू. में मटन करी। 20 रू. में करी पीस। 6 रू. में मशाला डोसा। 2 रू. में पुरी और सब्जी। 5 रू.में एक प्लेट सब्जी। 1 रू. में रोटी। 2010 से कीमत में बदलाव नहीं किया गया। सरकार के द्वारा 60 करोड़ 70 लाख रूपए की सब्सिडी दी जाती है। लोक सभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को कीमत बढ़ाने और घटाने का अधिकार है।

इस समय लोक सभा में 543 सदस्य हैं। राज्य सभा में 250 सदस्य हैं। इसमें 443 करोड़पति हैं। राजद, समाजवादी, टीडीपी, टीआरएस, बीजेडी के शतप्रतिशत माननीयकरोड़पति हैं। शिव सेना के 94 फीसदी,बीजेपी के 84 फीसदी, एनसीपी 83 फीसदी, कांग्रेस 80 फीसदी, एआईएडीएमके 78 फीसदी,बीजेडी 70 फीसदी,टीएमसी 62फीसदी और सीपीएम 33 फीसदी माननीयसदस्य करोड़पति हैं। कांग्रेस के कल्पनाथ राय 206 करोड़, बीजेपी की हेमा मालिनी 178 करोड़,बीजेपी के शत्रुध्न सिन्हा 131 करोड़, एनसीपी की सुप्रिया सुले 113 करोड़ की मालिक हैं।

सीपीएम और सीपीआई के सांसदों का कहना है कि अपनी सैलरी को दल के कोष में जमा कर देते हैं। पार्टी से 7 हजार रू.दिया जाता है। उसी राशि से घर चलाते हैं। संसदीय समिति ने सैलरी में 100 फीसदी इजाफा करने की सिफारिश की है। पेंशन 35 हजार रू.हो। सत्र के दौरान रोज का भत्ता 4000 रू. हो। पूर्व सांसदों को साल में पांच बार मुफ्त हवाई यात्रा की सुविधा हो। पूर्व सांसदों को सहायक के साथ ट्रेन में फर्स्ट क्लास यात्रा की सुविधा हो। विमान यात्रा किराया की चौथाई को रेलयात्रा करने वाले को भत्ता के रूप दी जाए।

सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक दयाल शरण कहते हैं कि हमलोगों से नियमित कार्य नहीं लिया जाता है। वर्ष 2012 में बेसिक फाउंडेशन कोर्स किए थे। काम मिलने पर 100 रू.दिया जाता है। 2014 में छठ के अवसर पर दो दिनों का कार्य मिला। दो दिनों की मजदूरी नहीं मिली है।सारक्षता प्रेरकों को संविदा के तहत 2000/- रूपए प्रति माह मानदेय के आधार पर नियुक्ति की गयी। एक सारक्षता प्रेरक को एक दिन में 66.66 पैसे दिए जाते हैं। जो न्यूनतम मजदूरी से कोसो दूर है। इन दिनों अकुशल मजदूरों को प्रतिदिन 178 रूपए दिए जाते हैं। अर्धकुशल मजदूर को 185 रूपए दिए जाते हैं। इसी तरह कुशल मजदूर को 228 रूपए मिलते हैं।अतिकुशल मजदूर को 278 रूपए मिलते हैं। पर्यवेक्षीय या लिपिकीय को अब 5135 रूपए प्रतिमाह मिलता है।अब केन्द्र और राज्य सरकार को निर्णय लेना चाहिए कि इनको किस श्रेणी में रखा जाए?

अब माननीयसदस्य को समझना चाहिए कि साक्षरता प्रेरक को एक दिन में 66.60 पैसे ही मजदूरी के रूप में दी जा रही है।वहीं आपलोग सत्र के दौरान रोज का भत्ता 4000 रू. करने की मांग कर रहे हैं। जन सरोकार करने की बात करने वाले खुद के लिए ही सोच रहे हैं।


आलोक कुमार

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