पटना। राजधानी पटना में भी बड़ी संख्या में मलयाली समुदाय के लोग रहते हैं। विभिन्न स्कूलों और हॉस्पिटलों में कार्यरत हैं। कुर्जी होली फैमिली और त्रिपोलिया हॉस्पिटल में मलयाली लोग प्रशिक्षण ग्रहण करते हैं। आज सभी मलयाली खुश हैं। उनके पास महाबली आने वाले हैं। दुख भी है कि घर-द्वार छोड़कर अन्य स्थानों में महापर्व ओणम मनाने को बाध्य हो रहे हैं। हालांकि उत्साह में कमी नहीं है। पल-पल की खुशी मोबाइल के माध्यम से आदान-प्रदान होते रहता है। ओणम के अवसर पर नौकायन प्रतियोगिता भी होती है। इसके अलावे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होता है। यह दस दिनों तक चलता रहता है। आए सभी लोग ओणम को उत्साहपूर्ण वतावरण में मनाए।
विदेश में भी मलयाली कार्यरत हैं। दुबई में अधिक हैं। खैर, ओणम के अवसर पर मलयाली समुदाय को बधाई! कई बार ओणम के अवसर पर केरल जाने का मौका मिला है। त्योहारों के अवसर पर जमीन पर बैठकर खाना खाने में मजा आता है। परम्परा के अनुसार त्योहारों में थाली के बदले में केले के पत्ता पर भोजन परोसा जाता है। कई प्रकार के भोज्य सामग्री रहता है। अचार,चटनी,पापड़,खीर आदि जरूर रहता है। फल में केला जरूर रहता है। प्रायः शाकाहारी भोजन ही परोसा जाता है। छोटे बच्चों के साथ सयाने भरपेट भोजन करते हैं। भरपेट भोजन करके महाबली को दिखाना है।
इस अवसर पर घर के अंदर और बाहर उत्साहपूर्ण माहौल बना रहता है। मौके पर ओणमकली और ओणमपू की छटा देखने में बनता है। यह सब कवायद महाबली को खुश करने के लिए की जाती है। ताकि महाबली समझे की मलयाली समुदाय खुशहाल हैं। यह खुशहाली 365दिन बना रहे। सभी भारतीय खुश और खुशहाल रहे।
आलोक कुमार
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