शिवाजी
नगर के बदले महादेव नगर लिख दिया
लालटेन
लेकर खोजने के बाद भी शिवाजी नगर नहीं मिलेगा
पटना।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदत पहचान पत्र में त्रुटिया है। आवेदन को स्पष्ट रूप
से भर कर आवेदक बीएलओ अथवा कार्यालय को देते हैं। 7 जून, 2015 को रवि रोशन भी आवेदन दिए। बतौर पता
पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत के क्षेत्र मखदुमपुर बगीचा,शिवाजी नगर, दीघा घाट,पटना सदर,दीघा, पटना-800011 लिखा। जब पहचान पत्र प्राप्त किए तो
दंग रह गए। 14/08/2015 को निर्गत आरएबी3766417 में पता में उल्लेख किया गया है,जो हैरत अंग्रेरज करने वाला है। पता में मखदुमपुर बगीचा, महादेव नगर, लालू नगर,शहर/गांव फतेहजंगपुर, अंचल/थाना-पटना
सदर, जिला-पटना, 800011लिखा गया है। शिवाजी नगर के बदले महादेव नगर लिख दिया। इसके अलावे लालू
नगर शहर/गांव फतेहजंगपुर लिख दिया है। इस तरह कोई दफ्तरी कार्य करवाने लायक पहचान
पत्र नहीं रहा।
अगर आप
पहचान पत्र में सुधार करवाना चाहते हैं तो डीडीसी के कार्यालय परिसर में कार्यालय
खोल दिया गया है। यहां पर सुधार करने का शुल्क लिया जाता है। हरेक दिन सैकड़ों की
संख्या में लोग सुधार करवाने के लिए आते हैं। यहां पर आने पर एक दिन का समय बर्बाद
हो जाता है। काफी धक्का-मुक्की करना पड़ता है। तब जाकर सुधार होता है। परेशान लोगों
का कहना है कि जब हमलोग स्पष्ट रूप से आवेदन देते हैं तो उसी तरह कंप्यूटर
ऑपरेटरों को टाइप करना चाहिए। कोई ऐसा वंदा नहीं है जिसके पहचान पत्र में त्रुटिया
न हो। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो अधिकारियों को कंप्यूटर ऑपरेटरों को दंडित करना
चाहिए।
बताते चले
कि भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में 5 चरणों में चुनाव
कराने का मन बना लिया है। कभी भी बिहार विधान सभा का चुनाव की घोषणा की जा सकती
है। बिहार में कुल 243 सीट है। फिलवक्त जनता परिवार ने
महागठबंधन से जुड़े दलों के साथ सीट की संख्या निर्धारित कर दी है। जदयू को 100,राजद को 98,कांग्रेस को 40 और सपा को 5 सीट दिया है। इस
तरह से सीट का तालमेल करने से महागठबंधन के नेतागण परेशान हैं। महागठबंधन के
मुखिया मुलायम सिंह यादव को ही विश्वास में नहीं लिया गया। आरंभ में सपा को 3 सीट ही दिया गया। आपत्ति व्यक्त करने पर राजद के अध्यक्ष
लालू प्रसाद यादव ने 2 सीट सपा को दिया। तब जाकर 5 सीट हुए।
इस बीच
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच में आक्रोश धड़ गया। अपने
समर्थकों के रवैया को सम्मान देने के लिए आखिरकार नेताजी मुलायम सिंह यादव कठोर हो
गए। कठोर बन गए नेताजी को ससम्मान मनाने के लिए शरद यादव और लालू प्रसाद यादव गए।
फिलवक्त कठोर बन गए नेताजी को मुलायम नहीं किया जा सका है।
आलोक
कुमार
No comments:
Post a Comment