Friday, 4 September 2015

मजबूर हैं,कभी डी.एम.साहिबा के संग बैठकर बैठक करने वाली श्याम सखि

राइट हैंड उठा नहीं सकती हैं

पटना।पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में कल्याण और विकास कार्य करवाने का दायित्व नौकरशाहों को सौंपा गया। आई.ए.एस. राजबाला वर्मा थीं। जब गया और पटना के डी.एम. थीं। तब अनेक कार्य कर नाम रोशन कर पायीं। गांवघर में रहने वाली तेजतर्रार महिलाओं का चयनकर उत्प्रेरक बना दीं। इन उत्प्रेरकों के साथ नियमित बैठक कर कल्याण और विकास कार्य में हाथ बटाने का आह्वान करती थीं। जब डी.एम.साहिबा को विश्वास हो गया कि अब उत्प्रेरक जिम्मेवारी उठा सकती हैं तो उनको गांवघर में महिलाओं को संगठित करने को कहा गया। महिलाओं के साथ बैठक करने के लिए सामुदायिक भवननिर्माण करवाने के लिए सरकारी राशि विमुक्त करा दी। अपने गांवघर में सभी उत्प्रेरक सामुदायिक भवननिर्माण करवा लिए। इसमें श्याम सखि देवी भी थीं। जो आजकल मजबूर हैं। मानसिक पक्षाधात के कारण कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्त्ती करायी गयी थीं। काफी खर्च करने के बाद ठीक हो सकीं। वह चल फिर सकती हैं मगर बोल नहीं सकती हैं।राइट हैंड उठा नहीं सकती हैं

खैर, समय की बात है। पटना नगर निगम के वार्ड नम्बर-एक में दीघा मुसहरी है। यहां पर ठेला चालक केदार मांझी रहते हैं। दाल-रोटी खाने के बाद ठेला चाकल कुछ बचत कर लेते थे। उनकी पत्नी श्याम सखि देवी बीमार पड़ी ।तब केदार मांझी ने पत्नी को कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्त्ती करा दिए। वह ठीक हो गयीं। एक दिन ठेला चालक केदार मांझी अक्स्मात बीमार पड़ गए। कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में इलाज चला। चिकित्सकों एवं परिचारिकाओं के आई.सी.यू. में काफी प्रयास करने के बाद भी केदार मांझी को नहीं बचाया जा सका।

इस बीच विधवा श्याम सखि मजबूर हो गयी । कभी वह डी.एम.राजबाला वर्मा के संग बैठकर बैठक किया करती थीं। हां, डी.एम. साहिबा ने ही गांवघर की महिलाओं को संगठित की थीं। महिला उत्प्रेरकों को विकास के कार्यों में लगाया। उन्होंने अपने सभी उत्प्रेरकों को मोबाइल नम्बर भी दी। उत्प्रेरकों के एक फोन से कार्यालय के बड़ा बाबू और थानाध्यक्ष हीलने लगते थे। प्रभावित महिलाओं का कार्य रफ्तार पकड़ लेता था। डी.एम.साहिबा का स्थानान्तरण हो गया। इसके साथ ही महिला उत्प्रेरकों का कार्य में ब्रेक लगने लगा। अभी आलम यह है कि मजबूर श्याम सखि देवी परेशान हैं। वहां इधर-उधर भटकती रहती हैं। डी.एम.महोदय को फोन करने वाली श्याम सखि देवी के आवश्यक जरूतरों की पूर्त्ति करने के लिए कोई डी.एम.साहब को फोन भी नहीं कर देता हैं। सच में समय ही बलवान है।

आलोक कुमार

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