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सुदमिया नहीं रहीं |
पटना। दीघा मुसहरी में करीब 80 घरों में मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। करीब साढ़े सौ की जनसंख्या है। यहां पर रहने वाले सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़ गए हैं। आजादी के 68 सालों से मतदान कर नेताओं की तकदीर और तस्वीर निखारते हैं। तकदीर और तस्वीर निखर जाने के बाद नेताओं के द्वारा मुसहर समुदाय का ख्याल नहीं किया जाता है। इसके कारण बदतर जिदंगी जीने को बाध्य हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम के तहत घर बना था। जो जर्जर हो गया है। इस समय जर्जर घर में रहते हैं। अभी स्वर्गीय भदई मांझी की बेटी सुदमिया देवी की हालत खराब है। वह आज सांस छोड़ दी।
5 भाई-बहन चले गए। भदई माँझी और दुखनी देवी के अंतिम पुत्री सुदमिया देवी बच रही थीं। वह भी आज परलोक चली गयी। इस तरह सबसे पहले दुखनी देवी की मौत हुई। इसके बाद अशोक माँझी,गहनी देवी,भदई माँझी,गणेश माँझी,महेश माँझी और लक्ष्मीनिया देवी। कुछ दिनों से बीमार चल रही सुदमिया देवी आज दम तोड़ दी। कोई बाल-बच्चा नहीं है।
आलोक कुमार, मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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