Tuesday 17 November 2015

प्रदेश भर में महापर्व छठ की धूम


अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अदब के साथ किया प्रथम नमन
कल सुबह भगवान दिवाकर को द्वितीय अर्घ्य देने के साथ महापर्व खत्म होगा
पटना। उग हो ऽ सूरज देव..........अर्घ्य के बेर...। राजधानी के लोग आज गंगा किनारे आ गए। एक मंगलकामना लेकर आए थे। चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठन के तीसरे दिन डूबते भगवान भास्कर को अर्घ्यदान देना था। कल सुबह में भगवान दिवाकर को द्वितीय अर्घ्यदान करेंगे। इसके साथ ही महापर्व छठ का समापन हो जाएगा। 
बांसकोठी के गेट संख्या-93 से ही श्रद्धालु गंगा नदी की ओर जा रहे थे। वाहन और पदयात्रा करके श्रद्धालु जा रहे थे। गंगा नदी के किनारे पहुंचने के पूर्व ही मुस्तैद पुलिस बल दो और चार पहिया वाहनों को रोककर पार्किग करने की हिदायत दी जा रही थी। केवल भगवान सूर्य के उपासक ही जा सक रहे थे। दोपहर से ही उपासक पहुंचने लगे थे। गंगा तट की जमीन को पूजा लायक बनाकर भक्तगण जमीन के घेराबंदी करके जमीन आरक्षित कर लिए थे। वहीं पर जाकर फलों से भरी टोकरी को रखे। इसके बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे। कई महिलाओं को देखा गया कि दंडवत करके गंगा किनारे आ रहे थे। इनको कष्टी कहा जाता है। 

इस बीच जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली। वाच टावर पर पुलिस बल तैनात,एनडीआरएफ की टीम मौजूद, चिकित्सक एवं ए.एन.एम. की टीम प्रतिनियुक्त, एम्बुलैंस की व्यवस्था और अग्निशमन यंत्र को भी मौर्चा पर लगाया गया। वहीं साउथ बिहार पावर डिस्टीबूसन को.लि. के कनीय अंभियंता के नेतृत्व में मानव बल तैनात थे। 

काफी भीड़ होने के बाद भी भक्तगण धीरे चलें, व्यवस्थित रहें और संयम रहें।माइक से बारम्बार कहा जाता रहा कि पटाखा नहीं छोड़े। इसे पालन किया गया। कुल मिलाकर महापर्व छठ की छटा देखने को मिलती रही। 



आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट, पटना। 

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