Sunday 15 November 2015

नकद तीन हजार और पांच हजार के कपड़े ले उड़े

वह पानी पुरी का लुफ्त उठा रही तबतक....

दीघा हाट पर अपराधी हैं सक्रिय

पटना। लोक आस्था का महापर्व है छठ। महापर्व चार दिनों तक चलता है। नहाए खाए के साथ शुरू होता है। उदयीमान भास्कर को अर्ध्यदान करने के बाद समाप्त हो जाता है। महापर्व के अवसर पर उपयोग होने वाले समान दीघा हाट पर मिल जाता है। खरीददारों की काफी भीड़ रहती है। कुछ लोग भीड़भाड़ का फायदा उठाने को तैयार रहते हैं। क्षणभर के लिए समान पर नजर हटी कि चील झपट्टामार की तरह समान लेकर फरार हो जाते हैं।

हुआ यह कि दीघा थानान्तर्गत बांसकोठी मोहल्ला में रहने वाली एक महिला समान खरीदने दीघा हाट गयी थीं। 5 हजार रू.का कपड़ा खरीदी। 3 हजार रू. बैंग में ही रखी थीं। दीघा हाट पर चाट बिक रहा था। चाट वाले से पानी पुरी   देने को कहा। धनतेरस के अवसर पर समान बिक्री करने का स्टेज बनाया गया था। उसी स्टेज पर महिला बैंग को रखकर पानी पूरी को मुंह में डाली ही थीं। कि उसकी नजर बैंग पड़ी। बैंग को नहीं देखने से बेचैन हो उठी। जोरजोर से रोने लगी। आसपास के लोगों से पड़ताल की कि कोई बैंग उठाते देखे हैं? कोई भी व्यक्ति को जानकारी देने को तैयार नहीं हुए।
इस बीच महिला के पतिदेव आ गए। लापरवाही को नजरांदाज करके घर लौटने को कहने लगे। कोई दीघा थाना में जाकर प्राथमिकी दर्ज करवाने की सलाह देने लगे। सलाह को नहीं मानकर रोते घर रवाना हो गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दीघा हाट पर गिरोह सक्रिय है। जो पलक झपटते ही साइकिल और बैंग उड़ाने में कुख्यात हैं। यहां तक पॉकेटमार भी सक्रिय है। इसमें नौजवान और बच्चे भी शामिल हैं। पुलिसकर्मियों की चौकसी जरूरत है। इससे अधिक जरूरी लोगों को है। जो अपने समान की सुरक्षा नहीं कर पाते हैं।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।


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