Monday 21 March 2016

जब दीघा थाना की गाड़ी जाम में फंस गयी


 पटना। दीघा थाने की मोबाइल गाड़ी फंस गयी। आज सोमवार को साहब गाड़ी में बैठे थे। आई0टी0आई0रेलवे क्रासिंग के पास फंस गये। गाड़ी पर बैठे साहब ने आरक्षियों को हुक्म देते हैं कि जाम को जल्द से जल्द छुड़ा दें। हाथ में लाठी लेकर उतरे और चालकों को हड़काने लगे। इन लोगों के द्वारा हड़काने का असर नहीं पड़ा। 12 फीट सड़क अतिक्रमण कर दुकान लगायी गयी है। सो जाम कैसे हट पायेगा?


आरक्षी गिड़गिड़ाकर कहने लगे कि हमलोग असहाय हैं। माननीय पटना उच्च न्यायालय का आदेश नहीं है कि उसके आलोक में अतिक्रमण हटा सके। सड़क का अतिक्रमण सीधे तौर पर थाना जिम्मेवार होता है। कुछ दिन पूर्व संजीवन निवास के सामने मंदिर निर्माण किया जा रहा था। इसी थाने की पुलिस ने तत्परता से मंदिर निर्माण को रोका। पुनः निष्क्रयता होने पर मंदिर निर्माण हो गया। 

पटना-दीघा-दानापुर मुख्य मार्ग पर है दीघा हाट। जमीन मालिकों द्वारा दुकान खोली गयी है। अपनी दुकान के सामने ही राशि लेकर आमने-सामने फुटपाथ पर समान बेचने की इजादत दे देते हैं। इस तरह जमीन मालिक और उनके आमने-सामने दुकान खोलने से तीन तरह की दुकान सजायी गयी है। चौथी दुकान मुख्य मार्ग पर ही खोल दी गयी है। तब तो जाम लगना स्वाभाविक ही है। ऐसे में पुलिस निष्कृय हो जाए तो उसे क्या कहा जाए?

बताते चले कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान यातायात आरक्षी अधीक्षक का कार्यक्रम था। उन्होंने ब्रेरीकेटर लगाया था। और तो और लक्ष्मण रेखा भी निर्धारित कर दी थी। कुछ माह पालन हुआ। इसे पालन करने का दायित्व यातायात पुलिस को सौंपा गया। अब यातायात पुलिस का दर्शन हो नहीं पाता है। इसका मतलब विभागीय भी दिलचस्पी नहीं ले रहा है। इसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं।

बताते चले कि इस तरह में मिशनरी और निजी विघायल अनेक है। और तो और हॉस्पीटल भी है। बच्चों को स्कूल जाना और स्कूल से घर जाने में परेशानी होती है। बच्चे बिलबिलाते हैं। उसी तरह जान हथेली पर रखकर मरीजों को हॉस्पीटल पहुंचाया जाता है। जाम में फंसने से मरीज समय पर पहुंच ही नहीं पाते हैं। इसका दुष्परिणाम भी सामने ही आता है। 


रविवार को पटना प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर को जानकारी दी गयी कि यहां पर निर्मित फुटपाथ को चलनशील बनाने की जरूरत है। इसका मतलब है कि फुटपाथों पर कुडंली मारकर दुकान सजाने वालों से राहत मिल सकती है। मौखिक जानकारी देने वाले को प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि आप लिखित दें ताकि दीघा की समस्याओं को एक-एक कर पूर्ण कर सके। अब देखना है कि यह कब और कैसे साकार हो पा रहा है।


आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।





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