Thursday 28 April 2016

करीब 12 हजार रेगुलर ईसाई हैं......

बक्सर। कई बार पटना महाधर्मप्रांत को विभक्त किया गया है। एक बार फिर ऐसे ही करके बक्सर धर्मप्रांत बनाया गया। यह ऐतिहासिक पल 25 मार्च 2006 को सामने आया। फादर विलियम डिसूजा भाग्यशाली हैं। कई पल्लियों के पल्ली पुरोहित बने। मुजफ्फरपुर धर्मप्रांत के प्रशासक भी बने। इस नवनिर्मित धर्मप्रांत का प्रथम धर्माध्यक्ष बनने का गौरव फादर विलियम डिसूजा,येसु समाजी को प्राप्त हुआ।इसके बाद पटना महाधर्मप्रांत के प्रथम महाधर्माध्यक्ष बी0 जे0 ओस्ता,येसु समाजी के अवकाश ग्रहण करने के बाद पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष बनाये गये। इस तरह पटना महाधर्मप्रांत के द्वितीय महाधर्माध्यक्ष बनाये गये हैं। 

वहीं बक्सर धर्मप्रांत के प्रथम धर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा को पदोन्नत होने पर बक्सर धर्मप्रांत के द्वितीय धर्माध्यक्ष बनने का सौभाग्य फादर सेवास्टियन, येसु समाजी को मिला। इस समय बक्सर धर्मप्रांत के विकर जेनरल फादर जेम्स आमाकाट हैं। फादर आमाकाट, पटना धर्मप्रांतीय पुरोहित हैं। फादर आमाकाट कहते हैं कि बक्सर धर्मप्रांत के सृजन का 10 साल हो गया है। इस धर्मप्रांत में 25 हजार की संख्या में ईसाई श्रद्धालु हैं। इस बाबत फादर का कहना है कि करीब 12 हजार रेगुलर ईसाई हैं। एक सवाल के जवाब में फादर आमाकाट कहते हैं कि बक्सर धर्मप्रांतीय पुरोहित बनने 2 लोग गये थे। जो बैक टू होम हो गये हैं। एक भी धर्मप्रांतीय पुरोहित नहीं बने हैं। यह एक चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकार कर आगे बढ़ रहे हैं हालांकि अन्य धर्मसमाज में लोग गये हैं। 
बक्सर धर्मप्रांत में है संत विन्सेंट डी पौल समाज के सेन्ट्रल काउंसिल। इसके कोषाध्यक्ष जितेन्द्र कुमार हैं। आरा कैथोलिक उच्च विघालय में बड़ा बाबू हैं। करीब 43 हजार रू0 तनख्याह पाते हैं। इनका कहना है कि धर्मप्रांत के सभी पल्लियों में संत विन्सेंट डी पौल समाज संचालित है।कार्य व्यस्तता के कारण परिवारों में अभ्यागमन नहीं होता है। वहीं धन्य घोषित फ्रेडरिक ओजानम को संत बनवाने की दिशा में अग्रसर नहीं हैं। 

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना। 

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