Thursday 16 June 2016

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,धनरूआ की महिला स्वास्थ्यकर्मियों को 4 माह से वेतन नहीं

एरियर से कैरियर बनाने में लग जाते हैं राज्यकर्मी

मसौढ़ी कोषागार में सेलरी एडवाइजरी पर धूल की परत जमी

पटना। पटना जिले में है प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,धनरूआ। इस केन्द्र में कार्यरत 0एन0एम0 स्वास्थ्यकर्मियों को 4 माह से वेतनादि नहीं मिल रहा है। मजे की बात है कि राशि आवंटन और अन्य तरह की हर परेशानी को दूर करके वेतनमद की सूची मसौढ़ी कोषागार में प्रेषित है। एरियर से कैरियर बनाने में लग जाने वाले राज्यकर्मी सेवा के नाम पर मेवा बटोरने में लग गये हैं। खाता संख्या 2211 के वेतनभोगियों की वेतनमद की सूची मसौढ़ी कोषागार में 15 दिनों से धूल फांक रहा है।

जी हां, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की 0एन0एम0 स्वास्थ्य राज्यकर्मी परेशान हैं। दम लगाकर कार्य करने वाली 0एन0एम0दीदी बेदम हैं। इनको लगातार 4 माह से वेतनादि नहीं मिल रहा है। एक तो करैला तीत दूजे चढ़े नीम कहावत को केन्द्र और राज्य सरकार की निकम्मेबाजी से चरितार्थ हो रहा है। बाजार में खुलकर जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने वालों से भाव सातवें आसमान में चढ़ गया है। इन लोगों की चांदी हो रही है। वहीं महिला स्वास्थ्यकर्मी चांदी बेचने को मजबूर हो रही हैं। सच कहा जाए कि प्राकृतिक एवं कृत्रिम मंहगाई से वेतन पर निर्भर कर्मियों को दो जून की रोटी जुगाड़ करने में दिक्कत हो रही है। इस तरह की दिक्कत से वेतनादि बनाने वाले राज्यकर्मी मस्त हैं और वहीं वेतनभोगी राज्यकर्मी पस्त हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला स्वास्थ्य राज्यकर्मियों को नियमित वेतनादि नहीं मिलता है। इसका फायदा वेतन बनाने और वेतन निकासी करने वाले उठाने लगते हैं। इनलोगों की समझ है कि यह एरियर वेतनमान हो गया है। ऐसी स्थिति में कोषागार और विभागीय सहकर्मी सेवा के नाम पर मेवा खाने की राशि देने की मांग करने लगते हैं। गौरतलब है कि इस तरह की मांग सिर्फ महिलाओं से ही की जाती है।

पानी में रहकर बैर नहीं कहने वालों का कहना है कि आप स्वयं जांच कर सकते हैं। आखिरकार विभाग के द्वारा मसौढ़ी कोषागार में सेलरी एडवाइजरी भेज दी गयी है। 15 दिनों के बाद भी महिला स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन नहीं मिला। इस पर अधिकारी भी स्वतः संज्ञान ले सकते हैं। यह व्यवस्था हो कि प्रत्येक माह वेतनादि मिल सके। ऐसा नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ता है।

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू करते समय सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि राज्यकर्मियों की समस्या दूर करने के लिए विभाग द्वारा अलग से किसी अधिकारी को नियुक्त करें जो राज्यकर्मियों की समस्या दूर कर सके। सीएम साहब समय गया है कि अलग से विभागीय स्तर पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को नियुक्त कर दिया जाए।

आलोक कुमार

मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।

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