Friday 10 June 2016

और फुल कुमारी को गरम सलाखे से दाग दिया

और प्यार के बदले जेवरात नहीं तो सलाखे की मार के निशान दे दिया


महिला थाना के थानाध्यक्ष महिलाओं के प्रति संवेदनशील नहीं

पटना।महज पल्सर बाइकनहीं देने के कारण गरम सलाखों से फुल सदृश्य फुल कुमारी को दाग दिया। पल्सर बाइकनहीं लाने के जुल्म में बहु को भरपूर सबक सीखाने की व्यवस्था की गयी। अव्वल घर में फुल कुमारी को कैद कर दी गयी। सास मुन्नी देवी मोर्चा संभाल ली।घर के द्वार पहरेदारी करने लगी। इस कुकृत्य पर कोई व्यवधान न डाले। धरती के पति परमेश्वर मनोज कुमार केवट ने पत्नी को बॉक्सर की तरह दम लगाकर पकड़ लिये। गोतनी सविता देवी ने गरम सलाखों से फुल कुमारी को दागना शुरू कर दी। पति और भैसुर के उकसावे पर सविता देवी दागती रही। इस दौरान बेसुध होकर फुल कुमारी माता-पिता का नाम लेकर चिल्लाती रही। उसकी हर चिल्लाहट पर दागने की प्रक्रिया तेज कर दी जाती। नारी की जानी दुश्मन नारी बन गयी।

दीघा थानान्तर्गत बिन्द टोली में 376 दिन पहले जश्न का माहौल था। सो बारात लेकर आये थे लोग। भोजपुर जिले के रघु टोला में रहते हैं रामदयाल केवट और मुन्नी देवी। दोनों के 6 संतान है। 5 लड़के और 1 लड़की।रघु टोला में रहने वाले लघु किसान रामदयाल केवट के दो सुपुत्रों धन्नोज केवट और मनोज कुमार केवट व बिन्द टोली के रविन्द्र महतो की दो सुपुत्री रिंकु कुमारी और फुल कुमारी के संग विवाह होने वाला था। दोनों का एक ही मंडप में विवाह हुआ। शुभ मुहुर्त शनिवार 24 मई 2014 था। हिन्दू धर्मरीति के अनुसार विवाहोपरांत धन्नोज की पत्नी रिंकु और मनोज की पत्नी फुल के संग विवाह हुआ। मौके पर उपस्थित गणमान्य और जन साधारण लोगों ने नवदम्पतियों को आशीर्वाद दिये।आजीवन व्यवधानरहित जीवन जीने की दी शुभकामनाए! वहीं दोनों पति और पत्नी आजीवन साथ-साथ रहने का वादा भी किये। विदाई होने के बाद नवदम्पति आरा चले गये। नये सिरे से जीवन बिताने लगे।

बायीं ओर पिटायी के पहले और दायीं ओर पिटाई के बाद
अग्रज धन्नोज और रिंकु के घर में 6 मार्च 2015 को लक्ष्मी आयीं। रिंकु का प्रसव आरा सदर अस्पताल में हुआ। घर में लक्ष्मी सदृश्य लड़की बच्ची आ जाने से धन्नोज और रिंकु खुश हुए। आगत बच्ची का स्वागत और सम्मान किये। इसके बाद जनवारी 2016 को रिंकु मुम्बई चली गयी। वहाँ पर धन्नोज केवट गरम मशाला का व्यवसाय करते हैं। वहीं मनोज और फुल कुमारी के घर में मंगलवार 27 अक्टूबर 2015 को लक्ष्मी आयीं।फुल कुमारी का प्रसव घर पर ही हुआ। फुल कुमारी की कोख से लड़की बच्ची होने से घर में कोहराम मच गया। गरम मशाला का व्यवसाय करने वाले मनोज कुमार केवट काफी गरम हो गये। गर्मी का असर फुल कुमारी की पिटायी करके उतारा। प्रसव पीड़ा सहने वाली फुल कुमारी को 29 दिनों के अंदर बुधवार 25 नवम्बर 2015 को धुनाई कर दी। पुरूष में एक्स एवं वाई फेक्टर रहता है और महिला के अंदर सिर्फ वाई फेक्टर रहता है। महिला के वाई और पुरूष के एक्स फेक्टर मिलने से लड़की बच्ची होती है। महिला के वाई और पुरूष के वाई फेक्टर मिलने लड़का बच्चा होता है।

जिदंगी में साल-साल में अलग-अलग रंग देखने वाली फुल कुमारी परेशान हो गयी। वर्ष 2014 में शादी हुई। वर्ष 2015 में लड़की बच्ची हुई और वर्ष 2016 में पल्सर बाइक दो नहीं तो तलाक दे दोंका नारा बुलंद मनोज कुमार केवट करने लगे। इसमें गांवघर के चचेरा ससुर रामानंद केवट का सहायता मिलने लगी। रामजन्म केवट के पुत्र रामानंद केवट को नारी प्रताड़ना और राह में व्यवधान करने वालों को राह से हटा देने की महानता प्राप्त हैं। उसने अपने बड़की पुत्रबधु को प्रताड़ित कर दिये कि उसे मजबूरन फांसी लगा लेना पड़ा। संगी बहनों की शादी हुई थी। छोटकी पुत्रवधु सहमी घर में रहने को बाध्य हैं।

ससुराल वालों ने प्लान के तहत गरम सलाखों से पिटायी कर दी। यह कहना है फुल कुमारी का। वह कहती है कि पतिदेव मनोज ने मैयके और ससुराल वालों से मोबाइल से बातचीत करने में आपत्ति व्यक्त करते थे। मार-पिटायी करने के बाद खाना बनाना और खाना बंद कर दी थी। इस तरह की हालत देखकर बड़की गोतनी कलावती दीदी और भैसुर दिनेश केवट बेहाल हो गये थे। मेरे ससुर रामदयाल केवट ने गोतनी से मोबाइल मांगकर दिये। इस मोबाइल से घर में पिताजी रविन्द्र महतो से बातचीत किये। पिताजी कहे कि अगर गैस से खाना नहीं बन रहा है तो लकड़ी वाले चूल्हे में ही जाकर भोजन बनाकर खाना शुरू कर दो।

वहां पर गोतनी सविता देवी बैठी थी। सलाखे भी गरम हो ही गया था। सभी ससुराल वाले अपने प्लान में सफल होने लगे। फुल कुमारी कहती है कि शनिवार 4 जून 2016 को घर के अंदर ढकेलकर घर के द्वार पर सास मुन्नी देवी जम गयी। तथाकथित पति परमेश्वर मनोज ने फुल कुमारी को बॉक्सर की तरह दम लगाकर पकड़ लिया।गरम सलाखे से सविता देवी पिटायी करनी शुरू कर दी। बीच-बीच में भैसुर सरोज केवट उकसाते रहे। इस तरह के उकसाने से प्रोत्साहित होकर सविता देवी ने शरीर को दागते रही। हर चिल्लाहट पर दागती चली गयी।फिल्मशोलेमें जबतक नाच करोगी,तेरा यार बचा रहेगा। उस से हटकर हर चिल्लाहट पर दागने के दौर तेज होती चली जाती।  सलाखे से दागने से हाथ,पैर,बदन,कमर आदि में फोड़ा उत्पन्न हो गया। अब चिन्ह ही दिख रहा है।
मेरे प्यार में मनोज को ‘एम’ और फुल कुमारी ‘पी’ लिखकर एमपी बन गयी
संपूर्ण व्यथा की जानकारी देने सलाखे से पिटायी खाने वाली फुल कुमारी और उसके पिताश्री रविन्द्र महतो आरा,भोजपुर पहुंचे। महिला थाना के थानाध्यक्ष पुनम कुमारी से मिलकर घटना को कलमबद्ध करने का आग्रह किया गया। थानाध्यक्ष पुनम कुमारी ने कहना शुरू कर दी कि आपलोग दीघा थाना अन्तर्गत क्षेत्र में रहते हैं। यहां पर एफआईआर दर्ज करने से आपलोगों का काफी पैसा खर्च होते रहेगा। यहां के सभी मामले पटना में ही रेफर किया जाता है। सो दीघा थाना में जाकर मामला का एफआईआर दर्ज कराये। थानाध्यक्ष पुनम कुमारी ने कहा कि यह मेरा मोबाइल नम्बर 9431822315 है। दीघा थाना में जाये और दीघा थाने के थानाध्यक्ष के पास जाकर मामला दर्ज कराये। अगर थानाध्यक्ष मामला दर्ज नहीं करते हैं तो मोबाइल नम्बर 9431822315 पर फोन करें और थानाध्यक्ष को कहकर मामला दर्ज करा देंगे।

महिला थाना से निराश होने के बाद रविन्द्र महतो दीघा थाना में गये। आपबीती सुनाने के बाद पुलिसकर्मियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह मामला आरा,भोजपुर का है। यहां तो किसी भी हालत में एफआईआर दर्ज नहीं होगा। यह केवल भूलभूलैया में डालने वाली बात है कि पटना में मामला दर्ज होने पर आरा,भोजपुर के लोग परेशान होंगे। इस बाबत जब इस रिपोर्टर ने गुरूवार 9 जून 2016 को दोपहर में महिला थाना की थानाध्यक्ष पुनम कुमारी से वार्ता किये तो थानाध्यक्ष का कहना है कि घायल के परिजन खुद ही इंजुरी रिपोर्ट और एफआईआर नहीं करवाना चाह रहे थे। उनको कहना था कि पटना में एफआईआर दर्ज करेंगे। तब थानाध्यक्ष ने रिपोर्टर से जानना चाहा कि आप क्या चाहते हैं? तो रिपोर्टर ने कहा कि महिला थाना में एफआईआर दर्ज हो। तब उनका कहना था कि शुक्रवार 10 जून 2016 को घायल के परिजनों को भेज देने का कष्ट करेंगे।

प्रताड़ित और सलाखों से पिटायी खाने वाली फुल कुमारी की सेहत कमजोर है। बच्ची भी बीमार पड़ रही है। डायरिया होने के कारण बच्ची को महावीर वात्सल्य अस्पताल में दिखाने ले गयी हैं। उसने कहा कि हमलोग आवासीय एवं खेतीहर भूमिहीन परिवार के संतान हैं। मेरे पिताश्री ने दो लाख रू0का सोना की सिकड़ी दिये हैं। एक परिवार का सारा समान दिये हैं। जो अलग से परिवार चलाना शुरू कर सके। कुल मिलाकर 8 लाख रू0 खर्च किया गया है। अगर मेरे पतिदेव तलाक चाहते हैं तो सलाखों से पिटायी की कीमत और लागत मूल्य 8 लाख रू0 दे दें। इस अमानुष व्यक्ति को नामालूम है कि किस तरह मानुष व्यक्तियों के साथ रहा जाता है। पति साहब अपने सहोदर भाई धन्नोज केवट से ही सीख लो। वह किस तरह अपनी पत्नी और बेटी को देखरेख कर रहे है।ससुर रामदयाल केवट सहाय प्रतीक होते है। मैं उनको बहुत स्नेह देती हूं।

इससे साबित होता है कि महिला थाना भी महिलाओं के मामले में संवेदनशील नहीं है। सामुहिक ढंग से मिलकर फुल कुमारी को सलाखे से पिटायी करने वाले मामले को ठंडे बस्ते में डालना चाहती हैं। क्षेत्र में किसी तरह की वारदात की घटना नहीं होने की जानकारी वरीय अधिकारियों को न देकर वरीय अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब हो रही है। सब कुछ ठीक है कहकर महिला थाना को श्रेष्ठ घोषित करना चाहती हैं। ऐसी थानाध्यक्ष पर कार्रवाई करने की जरूरत है। जो अपने कर्त्तव्य को बेहतर ढंग से निर्वाह नहीं कर पा रही है। महिला थाना के ही ऊपर अनुसंधान करने की जरूरत है कि मामले को रफादफा करने के एवज में कितनी मोटी रकम डकारी जाती है।

आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।


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