चांदनी की मां दुआ कारते |
विधवा भाभी से देवर राजा की संगाई को लेकर
लोगों में उत्साह
पटना।चाँदनी देवी के पतिदेव का सड़क दुर्घटना
में अकाल मौत। इसके पहले चाँदनी के गर्भ से पलकर धरती पर आने वाले तमाम बच्चों की
भी मौत हो गयी। इस तरह ससुराल से खाली हाथ चाँदनी मैयके आयी थीं। ऐसा लग रहा है कि
चाँदनी की जिन्दगी में ‘चन्द्रग्रहण’लग गया। पूरे
साल भर चाँदनी की जिन्दगी से चन्द्रग्रहण हटने वाला है। चाँदनी देवी के ससुराल
वाले अपने छोटे पुत्र से चाँदनी देवी को संगाई करवाना चाहते हैं। विधवा भाभी से
देवर राजा की संगाई को लेकर लोगों में काफी उत्साह है।
जी हाँ, रेल परियोजना से
विस्थापित लोगों को कुर्जी दियारा क्षेत्र में पुनर्वासित किया गया है। सैकड़ों
विस्थापित परिवारों को 3 डिसमिल जमीन दी गयी है।बिन्द टोली,कुर्जी
में रविन्द्र महतो रहते हैं। रविन्द्र महतो और उर्मिला देवी के 7
बच्चे हैं। इसमें 5 लड़की और 2 लड़के हैं। उन
दोनों लड़कों की शादी हो गयी है।
उर्मिला देवी कहती हैं कि मेरी पुत्रवधू रानी
की तरह रहती हैं। एक पुत्री चाँदनी देवी विधवा हो गयी हैं। उसकी शादी आरा में हुई
थीं। विधवा के ससुराल वाले छोटे पुत्र से संगाई करवाने को राजी हो गये हैं। एक साल
के बाद यह राजीनामा हो रहा है। वैसे तो चाँदनी देवी की माँ पर दबाव डाला जा रहा था
कि चाँदनी को विदा कर दें। आवश्यक कागजात निर्माण करवाना है। इस पर चाँदनी के
परिजन राजी नहीं हुए। इनका कहना है कि अपने पुत्र से संगाई करवाने के बाद ही
चाँदनी को विदा कर देंगे।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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