Friday 26 August 2016

बाढ़ में जर्सी गाय मरने से बछड़ा बेहाल


पटना। पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव कहते हैं कि न्यू बिन्द टोली में रहने वाले पशु नहीं पालते हैं।  इसके आलोक में पशुओं को चारा पहुंचाने की मसला नहीं है। उनके बयान से न्यू बिन्द टोली में रहने वाले बिन्द समुदाय के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। उनका कहना है कि गंगा मइया के रौध्र रूप धारण करने के बाद भी पशुपालक बिन्द टोली में ही ठहर गये। कई दर्जन लोग पशुपालक हैं। इन लोगों के पास एक-दो से अधिक गाय है। इन पशुओं को चारा देने में दिक्कत हो रही है। 

इस बीच बछड़ा की गाय मां की मौत हो गयी है। यह बुजुर्ग महिला जर्सी गाय पाल रखी थीं। वह गाय की मौत हो जाने से सदमा में है। कहती हैं कि माली हालत खराब होने के बावजूद भी बछड़ा को दूध खरीदकर पिला रही हैं। 40 रू0किलो दूध खरीदती हैं। आप सोच सकते हैं कि क्या एक किलो दूध से बछड़ा का पेट भर सकता है? सवाल करने के बाद जवाब देती हैं कि खुद का पेट तो नहीं भर पा रही है तो किस तरह बछड़ा का पेट भर सकती हैं!यहां उल्लेख करना गैरवाजिब नहीं है कि कई पेशेवर पशुपालक बछड़ों से प्यार नहीं करते हैं और किसी तरह से मार डालते हैं। केवल बाछी से ही पशुपालक स्नेह करते हैं। कारण कि बाछी बड़ी होने के बाद मां बनकर दूध देती है। जो राशि जनक है। 

रविन्द्र महतो कहते हैं कि सरकार के नौकरशाह बिन्द टोली में आकर वस्तुस्थिति का आकलन करें। इससे यह फायदा होगा कि गलतबयानी करने वाले नेताओं के मुंह बंद होगी। वहीं पशुओं को चारा मिल सकेगा। 
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।



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